
कौन कहता है कि भावनाएं सिर्फ इंसानों में होती हैं? हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी पेंग्विन की कहानी जो प्यार और अपनेपन को महसूस करने वाली भावनाओं का एक जीता जागता उदाहरण है.
ये कहानी है एक ऐसी पेंग्विन की जो हर साल समुद्र के रास्ते 5000 मील का सफर तय करती है. यह पेंग्विन उस इंसान से मिलने आती है जिसने उसकी जान बचाई थी. किस्सा है ब्राजील के एक आइलैंड पर बसे गांव का जहां जाओ पेरिया डिसूजा नाम का एक मछली पकड़ने वाला आदमी रहता है. इस व्यक्ति की उम्र 71 साल है.
दरअसल आज से 5 साल पहले 2011 में समुद्र के किनारे इस व्यक्ति ने तेल से लथपथ एक पेंग्विन को अधमरी हालत में पाया था. उस समय यह पेंग्विन मरने के करीब थी. पेंग्विन को देखकर जाओ ने उसे तुरंत उठाया और तेल साफ करके ढंग से उसकी देखभाल की. उसके शरीर को मजबूती देने के लिए उसे अच्छा खाना भी दिया और बहुत प्यार से पेंग्विन का नाम 'डिनडिम' रखा.
एक हफ्ते बाद जाओ ने पेंग्विन को फिर से समुद्र में छोड़ने की कोशिश की लेकिन पेंग्विन नहीं गई. ठीक होने के 11 महीने बाद तक पेंग्विन जाओ के साथ ही रही. जाओ ने बताया कि लेकिन जैसे ही पेंग्विन के नए पंख आए वह गायब हो गई. लेकिन कुछ ही महीनों बाद डिनडिम वापस आई और जाओ का पीछा करते करते उसके घर तक गई.
बता दें कि पिछले 5 साल में 8 महीने डिनडिम जाओ के साथ ही रही है. अब जाओ का भी पेंग्विन से लगाव इतना बढ़ गया है कि वह उसे अपने बच्चे की तरह प्यार करते हैं.
जाओ बताते हैं कि हर साल वह जून में आती है और फरवरी में जाती है. खास बात यह है कि हर बार वो मुझे देखकर पहले से ज्यादा खुश नजर आती है. ऐसा शायद इसलिए क्योंकि अब पेंग्विन भी जाओ को अपने परिवार का हिस्सा मानने लगी है.