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आम आदमी की जेब में एक बार फिर सेंध लग चुकी है. सरकार ने आधी रात से पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ा दिए हैं. आधी रात के बाद पेट्रोल में 3.13 रुपये और डीजल में 2.71 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है. लगातार बढ़ रही तेल कीमतों से आम आदमी पर बोझ बढ़ता जा रहा है.
कीमतें बढ़ने के बाद दिल्ली में पेट्रोल अब 66.29 रुपये और डीजल 52.28 रुपये प्रति लीटर मिलेगा. तेल कीमतें बढ़ाए जाने पर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों में तेजी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. इसके पहले 30 अप्रैल को तेल कीमतों में इजाफा किया गया था. इसमें पेट्रोल 3.96 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.37 रुपये प्रति लीटर महंगा किया गया था. इससे पहले 2 अप्रैल व 16 अप्रैल को पेट्रोल के दाम में क्रमश: 49 पैसे व 80 पैसे प्रति लीटर, जबकि डीजल के दाम में 1.12 रुपये व 1.30 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी.
बता दें कि बीते साल अगस्त से फरवरी तक पेट्रोल के दाम में कुल दस बार कटौती की गई, जिससे इसकी कीमतों में 17.11 रुपये प्रति लीटर की कमी आई थी, जबकि अक्टूबर से फरवरी के दौरान डीजल के दाम में छह बार कटौती करके कुल 12.96 रूपये प्रति लीटर की कमी की गई.
16 फरवरी को पेट्रोल के दाम 82 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 61 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए. एक मार्च को दाम फिर से कीमतों में इजाफा किया गया था.
कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कीमतों में वृद्धि करके अपने कार्यकाल का एक साल पूरE होने पर जनता को तोहफा दिया है और दावा किया कि इसी तरह के और भी आएंगे. पार्टी प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा, ‘मोदी सरकार द्वारा अपनी पहली वर्षगांठ पर यह तोहफा दिया है, आगे और भी आंएगे.’AIDMK की प्रमुख जयललिता ने तेल कीमतें बढ़ाने के फैसले पर केंद्र सरकार की निंदा की है. साथ ही बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने की भी मांग की. जयललिता ने कहा, 'मोदी सरकार, पिछली यूपीए सरकार की ही तरह गलत नीति अपना रही है, जिसके चलते लगातार तेल कीमतों में इजाफा हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतें कम होने पर सरकार दाम कम नहीं करती, इससे आम आदमी के बजट पर असर पड़ता है.'