
बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने विश्वास जताया कि बेहतर मांग आपूर्ति प्रबंधन प्रणाली के साथ भारत बिजली की कीमतें निचले स्तर पर रखने में समर्थ होगा और कीमतें और नीचे आ सकती हैं. पार्टनरशिप समिट के दौरान गोयल ने बताया, कारोबारी लोगों को सही कीमतों के आसपास अपने कारोबार का मॉडल तैयार करना होगा. वे ऊंची कीमतों के साथ नहीं चल सकते. इससे इस देश के लोगों को परेशानी होगी.
बिजली 2.35 रुपये प्रति यूनिट पर उपलब्ध
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि बिजली की दरें बहुत नीचे हैं और आने वाले समय में ये नियंत्रण में रहेंगी. यह कोई कृत्रिम नियंत्रण से नहीं है, बल्कि मांग और आपूर्ति प्रबंधन के जरिए है. एक देश और एक कीमत के लिहाज से उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार खुदरा स्तर पर बिजली 2.35 रुपये प्रति यूनिट पर उपलब्ध है. आप देश में कहीं भी 2.35 रुपये पर बिजली ले सकते हैं. आपको याद होगा कि दक्षिण भारत 8 से 10 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली खरीदा करता था. एक समय तो यह 15 रुपये तक चला गया था. कीमतें काफी नीचे आ चुकी हैं.
सालाना 1.8 लाख करोड़ रुपये की बचत
यह पूछने पर कि क्या मंत्रालय किसी तरह की कर रियायत का प्रस्ताव करेगा, केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, मेरा मानना है कि हमारे पास कर प्रोत्साहन की जरूरत नहीं है. हम अपने बल पर खड़े हो सकते हैं. आपने देखा है कि सारी पारदर्शिता के साथ हमने लागत घटाई है. अब इस क्षेत्र पर दबाव आम तौर पर खत्म हो गया है. उन्होंने कहा, अगले तीन साल में सालाना 1.8 लाख करोड़ रुपये की बचत में मदद मिलेगी.