Advertisement

इन पांच मुद्दों पर चीन के साथ 'चिकचिक' दूर कर पाएंगे प्रधानमंत्री मोदी?

देश और दुनिया की उम्मीदों का बोझ अपने कंधों पर लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन पहुंच चुके हैं. उनके इस दौरे से भारत-चीन में करीबी आने की संभावना है, लेकिन कुछ अड़चनें ऐसी हैं, जिन्हें दूर करना दोनों देशों के लिए मोदी के इस दौरे के दौरान भी चुनौती रहेगा. जानिए ऐसे पांच मुद्दे.

Narendra Modi with Xi Zinping Narendra Modi with Xi Zinping
रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2015,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

देश और दुनिया की उम्मीदों का बोझ अपने कंधों पर लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन पहुंच चुके हैं. उनके इस दौरे से भारत-चीन में करीबी आने की संभावना है, लेकिन कुछ अड़चनें ऐसी हैं, जिन्हें दूर करना दोनों देशों के लिए मोदी के इस दौरे के दौरान भी चुनौती रहेगा. जानिए ऐसे पांच मुद्दे.

सीमा विवाद
दोनों देशों में कितनी बार सत्ताएं बदल चुकी हैं, लेकिन सीमा विवाद को दूर करने में भारत-चीन नाकामयाब रहे हैं. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मोदी के दौरे से पहले कहा, ‘हम यात्रा को लेकर आशान्वित हैं.’ लेकिन इस बात की उम्मीद बहुत कम है कि इस मसले पर दोनों देश मोदी के इस दौरे पर आगे बढ़ पाएंगे. दोनों पक्ष यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि शांति बनी रहे. चीन पिछले साल चीनी राष्ट्रपति के दौरे के दौरान मोदी की ओर से प्रस्तावित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को स्पष्ट करने का इच्छुक नहीं है. सीमा के प्रस्ताव के पहले LAC के संबंध में स्पष्टता से दोनों पक्षों की आक्रामक गश्त रुकने की उम्मीद है.

Advertisement

अरुणाचल प्रदेश
चीन अरुणाचल प्रदेश पर बार-बार अपना हक जताता रहा है. मोदी के चीन दौरे से पहले एक चीन के सरकारी अखबार ने उन्हें अरुणाचल न जाने की सलाह देते हुएप्रधानमंत्री की आलोचना की थी. अखबार ने अपनी एक खबर में उन पर अपनी घरेलू छवि चमकाने के लिए सीमा विवाद और चीन के खिलाफ सुरक्षा मुद्दों को लेकर ‘चाल चलने’ के आरोप लगाए गए थे.

POK कॉरिडोर
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 20 अप्रैल को पाकिस्तान के अपने दौरे पर राजमार्ग और पनबिजली परियोजनाओं के साथ ही पीओके होते हुए बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह तक चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर सहित आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए 46 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की थी. नई दिल्ली ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर पर बीजिंग के सामने आपत्ति दर्ज कराई है.

चीनी सैनिकों की घुसपैठ
पिछले दो साल में चीन प्रधानमंत्री ली क्विंग और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे के दौरान लद्दाख में चीनी सैनिकों की दो घुसपैठों का मुद्दा उनके दौरों के समय छाया रहा था. घटनाओं के बाद नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग को सुझाव दिया था कि LAC के स्पष्ट होने से सीमा पर शांति बनाए रखने में बड़ी मदद मिलेगी, जहां दोनों तरफ के सैनिक अपना-अपना दावा जताते रहते हैं. इस साल मार्च में सीमा वार्ता के 18 वें चरण के दौरान भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी.

Advertisement

तिब्बत
तिब्बत मुद्दा भी भारत-चीन के बीच खटास पैदा करता आया है. चीन चाहता है कि भारत तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा को न अपने यहां शरण दें और न ही उनका समर्थन करे, लेकिन भारत दलाई लामा को लगातार पनाह दे रहा है. प्रधानमंत्री मोदी को अरुणाचल प्रदेश न जाने की सलाह देने वाले चीन के सरकारी अखबार ने उन्हें दलाई लामा का समर्थन न करने की सलाह भी दी थी. हालांकि दलाई लामा ने हाल में कहा, 'अगर भारत-चीन मित्रता आपसी भरोसे पर होती है तो यह एक ‘स्वागत योग्य कदम’ होगा. उन्होंने कहा कि इससे केवल दोनों देशों के बीच संबंधों पर ही नहीं बल्कि तिब्बत समेत कई अन्य देशों पर भी असर पड़ेगा.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement