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उत्तर प्रदेश में कुर्मी जाति पटेल कही जाती है और इसी जाति को बीजेपी के पास जाने से रोकने के लिए अब हार्दिक पटेल ने भी अपना दांव चलना शुरू कर दिया है. गुरुवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने लखनऊ में रैली की और प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाने साधे.
ये रैली तो किसान रैली के नाम पर बुलाई गई थी लेकिन किसान के नाम पर जुटी ये रैली जाति के नाम पर तब्दील हो गई. हार्दिक पटेल ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी ने कुर्मियों को गुमराह किया है. चुनाव के पहले एक जाति विशेष के लिए रैली करने आए हार्दिक पटेल की इस सभा को चुनाव में बीजेपी के विरोध से जोड़कर देखा जा रहा है.
'कुर्मी समाज भी बना सकता है सरकार'
हार्दिक पटेल ने इस सभा में कुर्मी मुख्यसमंत्री का मुद्दा भी उठा दिया. हार्दिक ने कहा 'यूपी में सभी नेताओं ने अपनी सरकार जाति के बल पर बनाई है तो हम कुर्मी समाज क्यों नहीं अपनी सरकार बना सकते, जबकि हमारी संख्या 27 करोड़ के लगभग है.'
किसानों के एकजुट होने की कही बात
हालांकि कुर्मी और पटेलों की बात करते हार्दिक किसान की बात भी बीच बीच में लाते रहे. हार्दिक ने कहा, 'किसानों के हित के बात करने आया और आज किसान एकजूट हुए है.'
कुछ यूं किया हार्दिक ने पीएम मोदी पर हमला:
- किसान का बेटा हूं, हर समय किसान का ही बेटा क्यों मरता है?
- मोदी जी ने गुजरात के कुर्मी समाज को गुमराह किया
- मेक इन इंडिया नहीं मेड इन इंडिया की लड़ाई लड़ने आया हूं
- 2004 के मुकाबले 2016 में महंगाई 300% बढ़ चुकी है
- मैं बीजेपी का विरोधी नहीं हूं, लेकिन गुजरात में हमारे कुर्मियों पर अत्याचार किया व उनकी हत्याएं की जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई
- हमें तोड़ने की कोई भी कोशिश न करे, किसान एक है और एक रहेगा
शुरू हो चुकी है जाति की राजनीति
दरअसल कुर्मी यानी यूपी के पटेलों ने पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और खासकर मोदी के नाम पर जमकर वोट डाले थे और इस बार भी इस जाति का रुझान बीजेपी की तरफ दिखता है, जिसे भांपते हुए विपक्ष ने अपनी रणनीति बनाई है. एक तरफ नितीश कुमार इस जाति पर डोरे दाल रहे है तो दूसरी ओर हार्दिक पटेल भी उनके बीच जा रहे हैं.
बीजेपी को घेरने में कमी नहीं छोड़ना चाहते हार्दिक
इस जाति के राजनितिक डॉन अपना दल की अनुप्रिया पटेल हैं, जो मोदी कैबिनेट में मंत्री है जबकि इसी पटेल जाति के वोट को लेकर अनुप्रिया पटेल और उनकी मां के बीच विरासत के वर्चस्व की लड़ाई छिड़ी हुई है. ऐसे वक्त में हार्दिक पटेल का यूपी में बीजेपी के खिलाफ रैलियां और सभाएं करने से साफ है कि बीजेपी की घेराबंदी को लेकर हार्दिक कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते.