
पहले विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य से हाइफा की हिफाजत करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय जवानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी अपनी इजरायल यात्रा के तीसरे और आखिरी दिन हाइफा के दौरे पर हैं. ये पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री चीन के दौरे पर है. पीएम मोदी ने 99 साल पहले पहले विश्वयुद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने हाइफा पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार की सुबह येरूशलम से हेलिकॉप्टर के जरिए हाइफा के लिए उड़ान भरी. हाइफा पहुंचने के बाद दोनों नेताओं ने शहीदों को सलामी दी और मौन श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान बैंड ने भी श्रद्धांजलि धुन बजाई. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीदों के स्मारक पर पुष्प गुच्छ अर्पित किए.
हाइफा स्थित शहीद स्मारक जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'शहर की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 44 भारतीय जवानों के लिए यह आखिरी जगह थी, जहां उन्होंने विश्राम किया था.'
भारतीय सेना हर साल 23 सितंबर को हाइफा दिवस के रूप में मनाती है. यह दिन दो कैवेलरी रेजिमेंट की बहादुरी और साहस की याद में मनाया जाता है. इन दोनों रेजिमेंट्स ने हाइफा को ओटोमन साम्राज्य से बचाने में अपना सर्वस्व झोंक दिया था. ये दोनों कैवेलरी 5वीं इम्पीरियल सर्विस कैवेलरी ब्रिगेड का हिस्सा थीं.
1918 के पतझड़ में मित्र देशों की सेना का हिस्सा रहे भारतीय ब्रिगेड ने बहादुरी और साहस से भरी एक महान कैवेलरी कैंपेन को अंजाम दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल दौरे का आज आखिरी दिन और तीसरा दिन है.
हाइफा वो जगह है, जहां पहले विश्व युद्ध में भारतीय जवानों ने अपने शौर्य का जौहर दिखाया था. भारतीय जवानों ने आधुनिक हथियारों से लैस ओटोमन तुर्कों के खिलाफ लड़ते हुए हाइफा की हिफाजत की थी. घुड़सवार भारतीय सैनिकों ने तलवार और भालों से ही दुश्मन सेना को शिकस्त दी थी. इस दौरान कई भारतीय जवान शहीद हो गए थे.
ये लड़ाई 23 सितंबर 1918 को हुई थी. आज भी इस दिन को इजरायल में हैफा दिवस के रूप में मनाया जाता है. साथ ही भारतीय सेना भी इस दिन अपने जवानों के शौर्य को सलाम करती है.
- गुरुवार की शाम पीएम मोदी इजरायल के 30 सीईओ के साथ लंच करेंगे.
- हाइफा से दोनों पीएम कार से राजधानी तेल-अवीव लौटेंगे और रास्ते में एक बीच पर रुकेंगे.
- इसके बाद पीएम मोदी इजरायल की संसद को भी संबोधित करेंगे.
- भारतीय समयानुसार शाम 7.30 बजे पीएम मोदी जी-20 समिट में शामिल होने के लिए जर्मनी रवाना हो जाएंगे.
इससे पहले पीएम मोदी ने अपने इजरायल दौरे के दूसरे दिन भारतीय समुदाय को संबोधित किया. राजधानी तेल अवीव के कन्वेंशन सेंटर में प्रधानमंत्री को सुनने करीब पांच हजार भारतीय पहुंचे. इस दौरान प्रधानमंत्री ने वहां अपनी सरकार की तमाम उपलब्धियां तो गिनवाई हीं, साथ ही साथ तीन बड़ी सौगातें भी दीं. मोदी ने मंच से ओसीआई कार्ड के नियमों में राहत, इंडियन कल्चरल सेंटर खोलने की घोषणा तो की ही भाषण के अंत में उन्होंने दिल्ली-मुंबई-तेल अवीव विमान सेवा जल्द शुरू होने की घोषणा भी की.