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PWD ने आम आदमी पार्टी को थमाया नोटिस, क्या आज पार्टी दफ्तर खाली करेंगे केजरीवाल?

दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के अफसरों ने आम आदमी पार्टी को नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि वह आईटीओ के पास स्थित राउस एवेन्यू के अपने दफ्तर को तुरंत खाली करे और लोक निर्माण विभाग को सौंपे. नोटिस में कहा गया है कि ये आवंटन नियम के खिलाफ किया गया था, इसलिए इसको रद्द कर दिया गया है.

आम आदमी पार्टी को दफ्तर खाली करने का नोटिस आम आदमी पार्टी को दफ्तर खाली करने का नोटिस
सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 8:51 AM IST

रिकॉर्ड बहुमत से जीतने वाली किसी प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी को दफ्तर ही खाली करने का फरमान सुना दिया जाए तो क्या होगा. दिल्ली में मुख्यमंत्री केजरीवाल की पार्टी की कुछ ऐसी ही हालत है. पार्टी को फौरन दफ्तर खाली करने का नोटिस थमाया जा चुका है.

आईटीओ के पास दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर 206, राउज एवेन्यू का आम आदमी पार्टी का दफ्तर शुंगलू कमेटी के निशाने पर आ गया. कमेटी की रिपोर्ट में आवंटन को गलत पाया गया और एलजी ने आवंटन रद्द कर दिया. लिहाज़ा पीड्ब्ल्यूडी ने सख्त नोटिस जारी कर दिया कि आम आदमी पार्टी का दफ्तर फौरन खाली किया जाए.

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शुंगलू समिति की रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी को दफ़्तर आवंटित करने पर सवाल उठाए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया था कि ज़मीन दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र नहीं है, इसलिए वो किसी राजनीतिक दल को दफ़्तर या ज़मीन देने के लिए नीति नहीं बना सकती. सूत्रों के मुताबिक एलजी ने लोकनिर्माण विभाग से इस पर राय मांगी थी. पीडब्ल्यूडी ने इस पर ये राय दी कि नियमों को ताक पर रखकर आम आदमी पार्टी को दफ्तर के लिए जगह दी गई.

दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के अफसरों ने आम आदमी पार्टी को नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि वह आईटीओ के पास स्थित राउस एवेन्यू के अपने दफ्तर को तुरंत खाली करे और लोक निर्माण विभाग को सौंपे. नोटिस में कहा गया है कि ये आवंटन नियम के खिलाफ किया गया था, इसलिए इसको रद्द कर दिया गया है.

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गौरतलब है कि राजनिवास की ओर से जारी आदेश में लोकनिर्माण मंत्री सत्येन्द्र जैन द्वारा राउस एवेन्यू स्थित बंगला नंबर 206 और 217 के बारे में प्राप्त रिकॉर्ड के आधार पर आवंटन को रद्द करने की कार्रवाई की गई थी. इसमें कहा गया था कि 206 नंबर बंगले को पार्टी कार्यालय के रूप में आवंटन को सत्येंद्र जैन ने अनुमति दी थी. जबकि मंजूरी से जुड़ी इस फाइल में लोक निर्माण विभाग ने साफ तौर पर कहा, कि आवासीय बंगले को किसी पार्टी कार्यालय के लिए आवंटित करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, भले ही मंत्रिमंडल ने आवंटन का फैसला किया हो.

अब आम आदमी पार्टी के सामने एमसीडी से भी पहले पार्टी दफ्तर की जंग है. आज-कल में ही दफ्तर खाली करने का नोटिस थमाया जा चुका है. अब देखना ये है कि केजरीवाल पार्टी दफ्तर खाली करते हैं या किसी नई जंग की शुरुआत करते हैं.

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