
दिल्ली में कांग्रेस 'किसान सम्मान रैली' कर रही है, जिसमें लैंड बिल पर जीत का जश्न मनाया जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने PM मोदी पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है.
रैली में सोनिया गांधी ने कहा, 'लैंड बिल पर पीएम मोदी को हमारे आगे सिर झुकाना पड़ा. हमारे दबाव के बाद सरकार को अपने कदम वापस खींचने पड़े'
सोनिया गांधी ने कहा कि किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि भाग्य-विधाता है. उन्होंने कहा कि हल और हाथ की ताकत के आगे मोदी सरकार को झुकना पड़ा.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'आज देश के हर कोने में किसान बेहाल हैं. कहीं बारिश, कहीं बाढ़, कहीं सूखा पड़ा है. बीज और खाद के दाम बेतहाशा बढ़े हैं. महंगाई से हर देशवासी परेशान है.' उन्होंने सवाल किया, 'आपके वादों का क्या हुआ मोदीजी?'
मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है. सरकार गरीबों और किसानों की जमीन छीनकर पूंजपतियों को देना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तरह के 'विकास' का विरोध करती है.
जमीन किसान की मां, मत छीनिए मोदीजी: राहुल गांधी
रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लैंड बिल पर देश के किसानों की जीत हुई है. राहुल गांधी ने कहा, 'किसानों की दो मांएं होती हैं. एक मां जन्म देती है और दूसरी मां जमीन होती है. मोदीजी जमीन के रूप में किसानों की मां मत छीनिए.'
राहुल गांधी ने कहा, 'पीएम मोदी की सरकार केवल सूट-बूट की सरकार है. वह केवल सूट-बूट वालों की बातें सुनती हैं. किसानों और गरीबों के मुद्दों की अनदेखी हो रही है.'
केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल ने कहा, 'मोदीजी के मेक इन इंडिया में देश के किसान और मजदूरों की कोई जगह नहीं है. ये मेक इन इंडिया नहीं, टेक इन इंडिया है.
इस रैली में हरियाणा के पूर्व मंख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के समर्थक गुलाबी पगड़ी पहनकर पहुंचे, जबकि अशोक तंवर के समर्थकों ने लाल पगड़ी पहन रखी है. दिल्ली के कांग्रेसी इस रैली में टोपी और खास किस्म का साफा डाले नजर आए.
पांच महीने के बाद यह दूसरा मौका है, जब भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर कांग्रेस
रामलीला मैदान में रैली कर रही है. इससे पहले 19 अप्रैल को पार्टी ने रैली कर
केंद्र सरकार को इस मामले में किसानों की नाराजगी का अहसास कराया था.