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राहुल गांधी ने वीके सिंह को बताया संविधान का दोषी, PM मोदी को दी अपनों की सुनने की सलाह

असहिष्णुता के मुद्दे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार पर चोट किया है. राहुल ने जहां केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को दलित विरोधी बताकर संविधान का दोषी ठहराया, वहीं पीएम को अपने लोगों की बात सुनने का सुझाव भी दिया.

लोकसभा में बोलते कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में बोलते कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST

असहिष्णुता के मुद्दे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार पर चोट किया है. राज्यसभा में जिस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान पर चर्चा को लेकर अपना जवाब दे रहे थे, ठीक उसकी वक्त राहुल लोकसभा में 'गुजरात मॉडल के गुब्बारे' को फोड़ रहे थे. राहुल ने जहां केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को दलित विरोधी बताकर संविधान का दोषी ठहराया, वहीं पीएम को अपने लोगों की बात सुनने का सुझाव भी दिया.

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राहुल गांधी ने असहिष्णुता समेत अन्य दूसरे मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर प्रहार करते हुए कहा, 'हमारी सबसे बड़ी ताकत सहिष्णुता है, इसलिए सरकार अपने लोगों की बात सुने और पाकिस्तान से कोई गलत सबक नहीं सीखे, क्योंकि वह अपने लोगों की आवाज दबाने वाला एक विफल राष्ट्र है. प्रधानमंत्री विकास और आर्थिक वृद्धि की बात करते हैं, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ लोग कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ. पाकिस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी असहिष्णुता है.'

'असहमति मतलब देशद्रोह हो गया है'
राहुल ने आगे कहा, 'मैं सरकार से यही कहूंगा कि कृपया अपने लोगों की बात सुनें, उन्हें गले लगाएं, उन्हें समझने का प्रयास करें, उनका सम्मान करें. मैं सरकार के स्तर पर जो विरोधाभास देख रहा हूं, शायद हमारे प्रधानमंत्री इसे नहीं देख पा रहे हैं. आज असहमति के स्वर उठाने और विरोध प्रदर्शन करने का मतलब देशद्रोह हो गया है. देश में बुद्धिजीवी, साहित्यकार देश के वर्तमान माहौल पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं, सम्मान वापस कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी आवाज सुनने को तैयार नहीं है. लोगों को पाकिस्तान जाने को कह दिया जाता है.'

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'...और मौन हैं प्रधानमंत्री'
बीजेपी सांसदों की टोकाटोकी के बीच उन्होंने कहा कि संविधान में सभी को समानता का अधिकार दिया गया है. समान अवसर, अपनी पसंद का धर्म अपनाने का अधिकार दिया गया है. हमारे सांसद इस सदन में लोगों की सुरक्षा की शपथ लेते हैं. लेकिन सत्तारूढ पार्टी के साक्षी महाराज जैसे कुछ सांसद और वीके सिंह जैसे मंत्री गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं. दलितों की तुलना कुत्ते से की जा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री ने इन्हें अपने मंत्रिपरिषद से नहीं हटाया. प्रधानमंत्री मौन हैं.

'FTII के छात्रों की नहीं सुनती सरकार'
हरियाणा में दो दलित बच्चों को जलाने की घटना का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अंबेडकर का बेहद आदर करने वाले हमारे प्रधानमंत्री इन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा, 'मोदीजी विदेश जाते हैं और रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की बात करते हैं, लेकिन यहीं दादारी में मोहम्मद अखलाक मारा जाता है, जिसका पुत्र भारतीय वायु सेना में है, लेकिन इस पर प्रधानमंत्री मौन रहते हैं.'

राहुल ने आगे कहा कि मोदीजी कौशल विकास की बात करते हैं, लेकिन जब एफटीआईआई के छात्र अपने संस्थान में एक औसत दर्जे के व्यक्ति को थोपने का विरोध करते हैं तो सरकार कौशल संपन्न इन छात्रों की बात सुनना जरूरी नहीं समझती.

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पाटीदार आंदोलन और गुजरात मॉडल
कांग्रेस नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी 'गुजरात मॉडल' और 'गुजरात शाइनिंग' कहकर और लोगों से 'अच्छे दिन' का वादा करके आए, लेकिन गुजरात मॉडल का गुब्बारा फूट गया और यह पाटीदार आंदोलन के रूप में सामने आया. पाटीदारों के खिलाफ 20 हजार एफआईआर दर्ज हुईं.

उन्होंने कहा कि असहिष्णुता का आलम यह है कि जब बीजेपी के एक नेता अरूण शौरी ने मोदीजी की आलोचना की तब ट्विटर पर उनके अनुयायियों ने उन पर हमला बोल दिया और उनके बच्चे को भी निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि नारायणमूर्ति, रघुराम राजन, पीएम भार्गव जैसे सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं, बुद्धिजीवी, लेखक अपना पुरस्कार लौटा रहे हैं, सरकार उस पर ध्यान नहीं दे रही हैं. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली इसे गढ़ा हुआ विषय बता रहे हैं. यह मेक इन इंडिया नहीं है, जिसे गढ़ा जाए.

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