
राजस्थान के कोटा में सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में हाई कोर्ट ने राज्य की गहलोत सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है. चीफ जस्टिस इंद्रजीत महान्ति की खंडपीठ ने यह आदेश दिया. मिथिलेश कुमार गौतम की जनहित याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया.
कोटा के अस्पताल में 112 बच्चों की मौत के पीछे के प्रमुख कारणों में ठंड के अलावा चीन के घटिया चिकित्सा उपकरण, भ्रष्टाचार और कमीशन की वजह सामने आई है. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में चीन द्वारा निर्मित घटिया उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा था.
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कोटा में नवजात बच्चों की मौत का यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. डॉक्टर केके अग्रवाल और समाजसेवी बी. मिश्रा की ओर से दाखिल याचिका में रिटायर्ड जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच कराने की मांग की गई है.
अभी हाल में राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महान्ति और जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने गहलोत सरकार से कोटा समेत राज्य के सभी जिलों के नवजातों की मौत के कारण की रिपोर्ट तलब की थी. इसके साथ ही जिला अस्पतालों को कम्प्यूटराइज्ड करने का निर्देश दिया गया. न्यायमित्र राजवेंद्र सारस्वत और अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा को किन्हीं दो अस्पतालों का औचक निरीक्षण करने का आदेश दिया गया.
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हाई कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में सभी रिक्त पदों और स्वीकृत पदों की रिपोर्ट तलब की गई. इस मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महान्ति और जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की बेंच ने सुनवाई की. इस मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.