Advertisement

रांची के रिम्स में लापरवाही, डॉक्टरों ने गलत किडनी का किया ऑपरेशन

रांची से सटे कांके के बोड़ेया निवासी 30 साल की गुड़िया बाईं किडनी का स्टोन निकलवाने के लिए यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती हुई थी. लेकिन डॉक्टरों ने दाईं किडनी का ऑपरेशन कर दिया.

रांची का अस्पताल रांची का अस्पताल
धरमबीर सिन्हा/सुरभि गुप्ता
  • रांची,
  • 20 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 5:27 AM IST

हमेशा विवादों में रहनेवाले रांची के राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यानी रिम्स का एक नया कारनामा सामने आया है. इस बार डाक्टरों ने लापरवाही की हद पार करते हुए एक स्टोन निकालने के लिए मरीज की बाएं किडनी की बजाए दाएं किडनी का ऑपरेशन कर दिया. मामला तूल पकड़ने के बाद रिम्स के अधिकारी इसकी जांच कराने की बात कर रहे हैं.

Advertisement

डॉक्टरों से हुई ये गलती

रांची से सटे कांके के बोड़ेया निवासी 30 साल की गुड़िया बाईं किडनी का स्टोन निकलवाने के लिए यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती हुई थी. लेकिन डॉक्टरों ने दाईं किडनी का ऑपरेशन कर दिया. जब इस लापरवाही का पता चला तो डॉक्टरों ने आनन-फानन मरीज को पास के ही लेक व्यू अस्पताल में भर्ती करवा दिया. जब वहां के डॉक्टरों को इसकी भनक लगी तो मरीज को अस्पताल से निकाल दिया. अब गुड़िया बिना इलाज कराए ही घर लौट गई है.  

ठीक नहीं है आर्थिक हालत

इस पूरे प्रकरण में दुःख की बात यह है कि जिस पीड़ित गुड़िया का रिम्स में गलत ऑपरेशन किया गया, उसकी आर्थिक हालत ठीक नहीं है. पति प्रदीप कुमार पेशे से ड्राइवर है. प्रदीप के मुताबिक पत्नी की बाईं किडनी में स्टोन हो गया था, जांच के बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी. प्रदीप ने कहा कि निजी अस्पताल ने ऑपरेशन का खर्च 40 हजार रुपये बताया. ऐसे में उसने पत्नी को रिम्स के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती कराया था, जहां उसका ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन थियेटर से बाहर आने के बाद देखा तो पेट में दाईं ओर दस टांके लगे थे, जबकि दर्द तो बाईं ओर था. जब प्रदीप ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर से पूछा तो उन्होंने भी अपनी गलती मान ली.

Advertisement

मामले की होगी जांच

रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉक्टर आरके श्रीवास्तव के संज्ञान में जब बात लाई गई तो उन्होंने जवाब दिया कि मामले की जांच के लिए कमेटी बनाएंगे. इस अस्पताल में कभी मरीज को जमीन पर खाना परोसने का मामला सामने आता है, तो कभी बच्चों की चोरी का खबर मिलती है.   

गलत साबित होते दावे

मुख्यमंत्री रघुवर दास राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक करने के बाबत बड़ी-बड़ी बात करते हैं, लेकिन हकीकत में ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. जिस तरह की लापरवाही झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में देखने को मिल रही है. उससे इस अस्पताल का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तब्दील करने का सपना शायद सपना ही ना रह जाए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement