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कर्ज में डूबे कारोबारी के साथ क्या होता है बर्ताव, जाने अनिल अंबानी से!

जब कोई प्रतिष्ठ‍ित कारोबारी कर्ज  में डूब जाता है, तो उसे भी कई मुश्क‍िलों का सामना करना पड़ता है. सिर्फ कारोबार के स्तर पर नहीं, बल्क‍ि अपने निजी जीवन में भी उसे काफी चीजें झेलनी पड़ती हैं.  रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब एक कारोबारी कर्ज में डूबता है, तो लोग उसके साथ कैसा बर्ताव करते हैं.

अनिल अंबानी ने एक इंटरव्यू में किया बुरे दौर में लोगों के रवैया का खुलासा अनिल अंबानी ने एक इंटरव्यू में किया बुरे दौर में लोगों के रवैया का खुलासा
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST

जब कोई प्रतिष्ठ‍ित कारोबारी कर्ज में डूब जाता है, तो उसे भी कई मुश्क‍िलों का सामना करना पड़ता है. सिर्फ कारोबार के स्तर पर नहीं, बल्क‍ि अपने निजी जीवन में भी उसे काफी चीजें झेलनी पड़ती हैं. रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब एक कारोबारी कर्ज में डूबता है, तो लोग उसके साथ कैसा बर्ताव करते हैं.

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2017 रहा मुश्क‍िलों भरा

45 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशन और 2जी केस के चलते अनिल अंबानी के लिए साल 2017 काफी मुश्क‍िलों भरा रहा. इस दौरान वह अपने जीवन के बुरे दौर से गुजरे. अनिल ने इकोनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में इस बारें में बात की. इस दौरान उन्होंने अपने मुश्क‍िल दौर के बारे में बात की और बताया कि उनके साथ इस दौरान कैसा व्यवहार किया गया.

'लोन नहीं उठाते हैं फोन'

अनिल ने बताया कि 2017 में उनके जीवन में ऐसा भी वक्त आया है, जब लोगों ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया. उनके मुश्क‍िल दौर में लोगों ने उनसे दूरी बना ली थी. इंटरव्यू में अनिल अंबानी ने कहा कि उनके लिए साल 2017 काफी ज्यादा मुश्क‍िलों भरा रहा. उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. 2जी केस में फंसने के बाद उनके बुरे वक्त की शुरुआत हुई.

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'लोग मेरे साथ दिखना नहीं चाहते थे'

अनिल ने कहा, ''इस दौरान सिर्फ चंद लोग ही मेरे साथ खड़े थे. इस वक्त में लोग मेरा फोन नहीं उठाते थे. वापस कॉल भी नहीं करते थे. कुछ लोग मेरे साथ दिखने से भी बचने लगे थे. वे मुझसे संपर्क भी नहीं करना चाहते थे.'' रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन ने कहा, ''ये हालात ही आपको बताते हैं कि कौन आपके दोस्त हैं और कौन आपके ख‍िलाफ. इसी दौरान आपको पता चलता है कि कौन से लोग आप से दूरी बनाने के लिए झूठे बहाने कर रहे हैं.''

प‍िता से मिला हौसला

अनिल ने इंटरव्यू में बताया क‍ि अगर वह इस स्थिति के बारे में अपने पिता धीरुभाई अंबानी से बात करते, तो उनका जवाब हौसला देने वाला होता. ''वो मेरी तरफ देखते और बोलते, तुम हैरान क्यों हो. इसे कहते हैं स्टील का गढ़ना. स्टील की एक रॉड बार-बार आग में जाती है और बाहर आती है. यही प्रक्रिया उसे मजबूत बनाती है. हम भी इन हालातों से मजबूत बनकर उभरे हैं.''  

कर्ज में डूबे हैं अनिल

बता दें कि साल 2017 अनिल अंबानी  के लिए काफी ज्यादा मुश्क‍िलों भरा रहा. 2जी केस में उन्हें कई बार सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए जाना पड़ा. उन्होंने मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के साथ एक डील की है. इसके तहत उन्होंने अपने वायरलेस बिजनेस को जियो को 24 हजार करोड़ रुपये में बेच दिया है. उन्होंने यह कदम 45 हजार करोड़ रुपये के बकाया कर्ज को चुकाने के लिए उठाया है.

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 'अब खत्म हो रहा बुरा दौर'

इसके अलावा उनका मोबाइल बिजनेस रिलायंस कम्युनिकेशन काफी ज्यादा बुरे दौर से गुजरा. अनिल कहते हैं कि अब उनका बुरा दौर खत्म हो रहा है और वह धीरे-धीरे मजबूत बनते जा रहे हैं.  उन्होंने कहा कि जीवन में अंधेरा में भी होगा और प्रकाश भी. अनिल अंबानी ने कहा कि वह रिलायंस ग्रुप को फिर से मजबूती से खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं.

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