
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अगले महीने इस्लामिक इक्विटी फंड जारी करने जा रहा है. देश भर के 17 करोड़ मुसलमानों के लिए यह निवेश का अच्छा अवसर होगा. सिक्योरिटी ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और चीन अन्य म्युचुअल फंडों को शरिया फंड जारी करने की इजाजत दी.
बुधवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि बैंक को उम्मीद है कि वह इस फंड में एक अरब रुपये की राशि का निवेश होगा. यह पहली दिसंबर से लॉन्च होगा.
इस समय काफी तादाद में मुसलमान अपने धन का निवेश नहीं करते क्योंकि शरिया कानून के मुताबिक ब्याज लेना हराम माना जाता है.
इस फंड में उन कंपनियों के शेयर नहीं रखे जाएंगे जो शराब, तंबाकू, जुए और कसीनो वगैरह के काम में लगे हुए हैं. इतना ही नहीं वे वित्तीय संस्थान जो ब्याज का धंधा करते हैं, इससे दूर रखे जाएंगे.
एसबीआई म्युचुअल फंड के सीईओ दिनेश खारा ने कहा कि यह ऐसा इक्विटी फंड होगा जिसमें छोटे, मध्यम और बड़े आकार के कैपिटल फंड होंगे. उन्होंने कहा कि शरिया के मानदंड पर खरे उतरने वाले फंडों की हम पहचान करेंगे. भारत के स्टॉक एक्सचेंजों में 600 से 700 ऐसी कंपनियां हैं जो शरिया कानून के तहत काम करती हैं.
इस फंड को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से अनुमति मिली हुई है.
पिछले साल मई में बांबे स्टॉक एक्सचेंज ने देश का पहला शरिया इंडेक्स लॉन्च किया था जो शरिया के अनुसार चलने वाली कंपनियों के स्टॉक से जुड़ा था. इन कंपनियों ने 46 प्रतिशत का रिटर्न दिया था जबकि बीएसई इंडेक्स ने 41 फीसदी का.
इस्लामी देशों के बाहर भारत दूसरा देश है जिसने शरिया से जुड़ा एक फंड जारी किया है. इसके पहले इंग्लैंड ने इस्लामी बांड जारी किया था.