Advertisement

दंगों और झड़प के दौरान चार साल में घायल हुए 3 हजार से ज्यादा जवान

मंगलवार को संसद में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बताया कि पिछले चार सालों में भीड़ को हटाने और दंगा कंट्रोल करने के दौरान पिछले 4 सालों में अर्ध सैनिक बलों के करीब साढ़े तीन हजार जवान घायल हुए.

फाइल फोटो फाइल फोटो
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

दंगों और झड़प के दौरान सिर्फ लोग ही प्रभावित नहीं होते, बल्कि उन्हें काबू करने वाले जवानों को भी इसका नुकसान होता है. मंगलवार को संसद में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बताया कि पिछले चार सालों में भीड़ को हटाने और दंगा कंट्रोल करने के दौरान पिछले 4 सालों में अर्ध सैनिक बलों के करीब साढ़े तीन हजार जवान घायल हुए. उन्होंने बताया कि ये जवान दंगों और झगड़ों के दौरान भीड़ का शिकार हुए.

Advertisement

लोकसभा में कोटा के सांसद ओम बिरला के सवाल का लिखित जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बताया, '2014 से मार्च 2017 के बीच अर्ध सैनिक बलों के 3463 जवान घायल हुए हैं.' गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में इस दौरान सबसे ज्यादा सीआरपीएफ के 3335 जवान अलग-अलग हमलों में घायल हुए.

ये भी पढ़ें: पत्थरबाजी पर CM महबूबा बोलीं- युवाओं का आतंक से जुड़ना दुर्भाग्यपूर्ण

हमलों में घायल जवान
सीआरपीएफ- 3335
बीएसएफ- 27 जवान
आईटीबीपी- 1 जवान
एसएसबी- 100 जवान

बता दें कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान अक्सर भीड़ काबू करने के लिए जवानों घायल हो जाते हैं. कश्मीर में अक्शर जवानों पर पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आती हैं. जिनमें जवान घायल हो जाते हैं. हालांकि विरोध प्रदर्शनों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों को आंसू गैस, वाटर कैनन, चिली ग्रेनेड आदि से लैस किया जाता है. बावजूद इसके कई बार जवान भीड़ का शिकार हो जाते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement