
दंगों और झड़प के दौरान सिर्फ लोग ही प्रभावित नहीं होते, बल्कि उन्हें काबू करने वाले जवानों को भी इसका नुकसान होता है. मंगलवार को संसद में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बताया कि पिछले चार सालों में भीड़ को हटाने और दंगा कंट्रोल करने के दौरान पिछले 4 सालों में अर्ध सैनिक बलों के करीब साढ़े तीन हजार जवान घायल हुए. उन्होंने बताया कि ये जवान दंगों और झगड़ों के दौरान भीड़ का शिकार हुए.
लोकसभा में कोटा के सांसद ओम बिरला के सवाल का लिखित जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बताया, '2014 से मार्च 2017 के बीच अर्ध सैनिक बलों के 3463 जवान घायल हुए हैं.' गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में इस दौरान सबसे ज्यादा सीआरपीएफ के 3335 जवान अलग-अलग हमलों में घायल हुए.
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हमलों में घायल जवान
सीआरपीएफ- 3335
बीएसएफ- 27 जवान
आईटीबीपी- 1 जवान
एसएसबी- 100 जवान
बता दें कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान अक्सर भीड़ काबू करने के लिए जवानों घायल हो जाते हैं. कश्मीर में अक्शर जवानों पर पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आती हैं. जिनमें जवान घायल हो जाते हैं. हालांकि विरोध प्रदर्शनों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों को आंसू गैस, वाटर कैनन, चिली ग्रेनेड आदि से लैस किया जाता है. बावजूद इसके कई बार जवान भीड़ का शिकार हो जाते हैं.