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Shaheen Bagh Protest: रोड खोलने पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार-पुलिस के पाले में डाली गेंद

दिल्ली के शाहीन बाग-कालिंदी कुंज में सड़क को जाम करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने गेंद केंद्र और दिल्ली पुलिस के पाले में डाल दिया है. मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि संबंधित विभाग यानी कि पुलिस इस मामले में कानून के तहत काम करे.

कालिंदी कुंज का रास्ता पिछले 15 दिसंबर से बंद है (फाइल फोटो: PTI) कालिंदी कुंज का रास्ता पिछले 15 दिसंबर से बंद है (फाइल फोटो: PTI)
संजय शर्मा/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

  • हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और सरकार पर फैसला छोड़ा
  • हाईकोर्ट ने कहा सरकार-पुलिस कानून के तहत काम करे

दिल्ली के शाहीन बाग-कालिंदी कुंज में सड़क को जाम करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने गेंद केंद्र और दिल्ली पुलिस के पाले में डाल दिया है. मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि संबंधित विभाग यानी कि पुलिस इस मामले में कानून के तहत काम करे.

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15 दिसंबर से लगातार हो रहा है विरोध प्रदर्शन

कोर्ट ने कहा कि पुलिस जन हित को देखते हुए काम करे. इसी के साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले को खत्म कर दिया. शाहीन बाग में 15 दिसंबर से स्थानीय लोग नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. ये प्रदर्शन दिल्ली से नोएडा जाने वाली सड़क पर हो रहा है. इस वजह से एक महीने से इस रुट से गुजरने वाले लोग काफी परेशान है. बता दें कि कालिंदी कुंज का रास्ता पिछले 15 दिसंबर से बंद है.

विरोध को पूरे हुए 30 दिन

दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध को पूरे 30 दिन हो गए हैं. पिछले 30 दिनों से सैकड़ों लोग सड़क पर डेरा जमाए हुए हैं. इनकी मांग है कि सरकार नागरिकता कानून पर अपना फैसला बदले.

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दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में सीएए के खिलाफ हर रोज आवाज बुलंद होती है. दिल्ली की सर्दी में सड़क पर प्रदर्शनकारियों ने 30 रातें गुजार दीं. विरोध-प्रदर्शन का एक महीना पूरा हो गया, लेकिन ना जोश ठंडा पड़ा है और ना ही इरादा बदला है. शाहीन बाग पिछले एक महीने से विरोध का प्रतीक बन गया है.

बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक कर रहे हैं प्रदर्शन

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस विरोध का झंडा उठाए हुए हैं. नागरिकता कानून के खिलाफ भीड़ डटी है. छात्र-नौजवान नारे लगाते हैं. गीत गाते हैं. पोस्टर लहराते हैं. पैंफलेट बांटते हैं और कहते हैं सरकार नागरिकता कानून वापस ले.

CAA के खिलाफ 30 दिन से शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी

महिलाएं ही कर रही हैं प्रदर्शन की नुमाइंदगी

लोगों का दावा है कि इस प्रदर्शन के लिए कोई मैनेजमेंट कमेटी नहीं है. कोई पॉलिटिकल पार्टी इससे नहीं जुड़ी है. कोई एनजीओ काम नहीं कर रहा. आंदोलन के लिए कोई फंड भी नहीं है. इलाके की महिलाएं ही इस प्रदर्शन की नुमाइंदगी कर रही हैं. इलाके की महिलाओं का जत्था कुछ-कुछ देर के लिए आता है और धरना देता है. हर किसी के आने का वक्त तय है.

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प्रदर्शन के कारण स्थानीय लोग और व्यापारी परेशान

प्रदर्शन कर रही महिलाओं की मांग है कि जेल में कैद किए गए लोगों को छोड़ा जाए औप बेगुनाहों को पुलिस ना फंसाए. हालांकि लंबे वक्त से चल रहे प्रदर्शन के चलते स्थानीय लोग और व्यापारियों को भारी परेशानी भी हो रही है. रास्ता बंद होने से लोगों में नाराजगी भी है. इसी वजह से रोड खुलवाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी.

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