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शीना बोरा मर्डर केस की जांच कर रहे राकेश मारिया को मंगलवार को अचानक समय से पहले प्रमोशन देकर मुंबई के पुलिस
कमिश्नर पद से डीजी होम गार्ड बना दिया गया. इस पर विवाद होने लगा तो शाम को महाराष्ट्र के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने साफ किया कि केस की जांच टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. जांच की अगुआई मारिया ही करेंगे. सूत्रों के मुताबिक मारिया भी इस बदलाव से नाराज हैं.
इसलिए तनी सबकी भौंहें
वैसे मारिया का प्रमोशन तय था, लेकिन यह 22 दिन पहले ही कर दिया गया. इसलिए सबकी भौंहें तन गईं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसे इस हाई-प्रोफाइल केस में पहली बलि भी करार दे दिया गया. टीम को 10 बड़े सुराग मिले हैं.
प्रमोशन पर मारिया ने यह कहा
मारिया के करीबी सूत्रों के
मुताबिक वह जांच में मदद के लिए थाने गए थे. उन्होंने कहा कि इंद्राणी
सिर्फ अंग्रेजी में बात करती है और लोकल पुलिसवाले समझ नहीं पाते. इसलिए
मैं मदद के लिए गया था. मैं पीटर और इंद्राणी को नहीं जानता.
पूर्व कमिश्नर बोले- कुछ तो कांड रहा होगा
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने इस बदलाव पर शक जताया है. सत्यपाल ने कहा है कि सीएम को लगा होगा कि कोई गलत काम हो रहा है. वैसे तो हटाने का सवाल पैदा नहीं होता.
CM के आदेश पर हुआ बदलाव!
कहा जा रहा है कि ट्रांसफर ऑर्डर
सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की ओर से आया. मारिया सोमवार शाम फड़नवीस से मिले भी थे. सूत्रों के मुताबिक कमिश्नर के इस केस को इतनी ज्यादा
तवज्जो देने से फड़नवीस इससे खुश नहीं थे.
फड़नवीस ने कहा था, इस केस को इतनी तवज्जो क्यों
फड़नवीस ने रविवार को ही कहा था कि पुलिस उन
मामलों की जांच पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसे मीडिया खूब दिखा रहा है. पुलिस को उन मामलों को भी उतनी ही तवज्जो देनी चाहिए, जिन पर मीडिया का
फोकस नहीं है.