
शिवसेना ने उन सभी कयासों और खबरों को खारिज किया है, जिसमें कहा गया कि पार्टी के विधायक सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. महाराष्ट्र सरकार में हिस्सेदार शिवसेना और बीजेपी के बीच बढ़ती रार के बीच संजय राउत ने कहा कि अगर बीजेपी को कोई समस्या है तो वो इस्तीफा दे, शिवसेना से कोई इस्तीफा नहीं दे रहा है.
शिवसेना नेता राउत ने कहा, 'हम कोई नियम नहीं तोड़ रहे हैं. हमने कसूरी मामले में हर जानकारी लिखित तौर पर मुख्यमंत्री को सौंपी है. हमने बताया है कि कैसे कसूरी ने अलगाववादियों को मजबूती दी. हम सरकार से इस ओर समर्थन की अपेक्षा रखते हैं.'
देवेंद्र फड़नवीस सरकार पर तल्ख और तीखे बोल से निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि राज्य सरकार को शर्म आनी चाहिए कि जिन पुलिस वालों ने कसाब से लोहा लिया, वह उन्हें एक पाकिस्तानी की सुरक्षा में लगा रही है.
गौरतलब है कि शिवसेना ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी की किताब के मुंबई में विमोचन का विरोध किया था. यही नहीं, इस ओर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने आयोजनकर्ता और पूर्व बीजेपी नेता सुधींद्र कुलकर्णी पर काली स्याही पोत दी थी. मामले में बवाल बढ़ने के बावजूद फड़नवीस सरकार ने कसूरी की किताब का विमोचन नहीं रोका था.
यही नहीं, इसके बाद सीएम फड़नवीस ने सहयोगी शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा था कि 'शिवसेना ने महाराष्ट्र को शर्मसार' किया है. जबकि सोमवार को सीएम फड़नवीस के इस बयान के बाद मंगलवार को शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि फड़नवीस महाराष्ट्र को जानते ही नहीं हैं और राज्य शिवसेना की वजह से नहीं, बल्कि फड़नवीस के कारण शर्मसार हो रहा है.
तकरार बढ़ी तो लगने लगे कयास
बीजेपी और शिवसेना में तकरार इस कदर बढ़ गई है कि बात गठबंधन तक जा पहुंची. खबर आई कि शिवसेना के कई नेता मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से नाराज हैं. यहां तक कि इस्तीफे की पेशकश करने पर भी विचार कर रहे हैं.
पार्टी के बड़े हिस्से का मानना है कि यदि मंत्री इस्तीफा देते तो इससे बीजेपी में सख्त संदेश जाता. हालांकि, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस बारे में कुछ नहीं कहा और मंगलवार को ही कालिख कांड के सभी छह आरोपियों का घर बुलाकर सम्मान किया.