
बंबई शेयर बाजार में सूचीबद्ध छोटी व मझोली कंपनियों के शेयरों ने ब्लू चिप कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए इस साल अभी तक निवेशकों को कई बड़ी कंपनियों के मुकाबले अधिक रिटर्न दिया है.
तीन सूचकांकों के विश्लेषण से पता चलता है कि इस साल मिड-कैप सूचकांक 13 फीसदी बढ़कर 1,319.51 अंक पर पहुंच गया, जबकि स्मॉल-कैप सूचकांक 5.47 फीसदी बढ़कर 11,766.78 अंक पर. वहीं दूसरी ओर, दिग्गज कंपनियों के शेयरों का सूचकांक महज दो फीसदी बढ़कर 28,067.31 अंक पर पहुंचा.
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 4 मार्च, 2015 को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 30,024.74 अंक पर पहुंच गया था. एसएंडपी बीएसई मिड-कैप सूचकांक 10 अगस्त को 11,666.24 अंक के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर, जबकि स्मॉल-कैप सूचकांक 5 अगस्त को 12,203.64 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि अनिश्चितता व संकट काल में कमजोर बैलेंस शीट के चलते छोटी व मझोली कंपनियां सबसे अधिक प्रभावित होती हैं जिसका असर उनके शेयरों पर भी पड़ता है. लेकिन जब शेयर बाजार में तेजी आती है तो छोटी कंपनियों के शेयर, बड़ी कंपनियों के शेयरों के मुकाबले अधिक रिटर्न देते हैं.
गौरतलब है कि छोटी कंपनियों के शेयर आमतौर पर स्थानीय निवेशक खरीदते हैं, जबकि विदेशी निवेशकों का ध्यान दिग्गज कंपनियों के शेयरों पर होता है.