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सपा नेता की मुलायम से मांग, अपनी जगह अखिलेश को बनाएं राष्ट्रीय अध्यक्ष

उदयवीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा है की परिवार के भीतर से भी अखिलेश यादव के खिलाफ साजिश हो रही है और शिवपाल यादव इसमें शामिल हैं.

अखिलेश-मुलायम अखिलेश-मुलायम
बालकृष्ण
  • लखनऊ,
  • 20 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले उदयवीर सिंह ने 5 पेज लंबी एक चिट्ठी लिखकर मुलायम सिंह यादव से अपील की है की उन्हें पार्टी के हित में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी अखिलेश यादव को सौंप देनी चाहिए और खुद पार्टी का संरक्षक बन जाएं.

मुलायम सिंह यादव 1992 में पार्टी के गठन के समय से ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और ऐसा पहली बार होगा जब पार्टी के किसी कार्यकर्ता या नेता ने सीधे मुलायम सिंह यादव से कुर्सी खाली करने की अपील की हो. उदयवीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पार्टी का भविष्य सिर्फ अखिलेश यादव हो सकते हैं और उनके खिलाफ साजिश की जा रही है.

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अखिलेश के करीबियों पर कार्रवाई
उदयवीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा है की परिवार के भीतर से भी अखिलेश यादव के खिलाफ साजिश हो रही है और शिवपाल यादव इसमें शामिल हैं. शिवपाल यादव पार्टी को हाल में ही मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था. पहले यह पद भी अखिलेश यादव के पास ही था. उसके बाद से शिवपाल यादव ने चुन-चुन कर अखिलेश यादव के करीबी लोगों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के नाम पर कार्रवाई की और तमाम लोगों को पार्टी से बाहर भी निकाल दिया. तब से लगातार यह मांग उठ रही है कि शिवपाल यादव इन नेताओं को पार्टी में वापस लें और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई को रद्द करें.

सामने आ रही फूट
इधर, अपने करीबियों पर तलवार चलने से नाराज अखिलेश यादव ने बुधवार को ये ऐलान कर दिया कि वह 3 नवंबर से चुनाव प्रचार के लिए अपनी रथ यात्रा शुरू करेंगे. समाजवादी पार्टी 5 नवंबर को अपनी 25वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है और इस मौके पर अखिलेश यादव के नहीं होने से पार्टी की फूट बिल्कुल खुलकर सामने आ जाएगी. खुद मुलायम सिंह यादव ने पार्टी में सारे नेताओं से कहा है कि वो पार्टी की रजत जयंती समारोह को भव्य तरीके से मनाने का इंतजाम करें.

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रजत जयंती समारोह मनाने की जिम्मेदारी विवादों में घिरे मंत्री गायत्री प्रजापति को सौंपी गई है, जिन्हें अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल से बाहर निकाल दिया था. लेकिन बाद में मुलायम के कहने पर फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. यह तय माना जा रहा है कि इस पत्र को लिखने के लिए एमएलसी उदय वीर सिंह के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई होगी.

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