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लखनऊ यूनिवर्सिटी की 15 साल की सुषमा करेंगी पीएचडी

देश की सबसे कम उम्र की पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट अब भीम राव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू), लखनऊ से एंवायरमेंटल माइक्रोबायलॉजी में पीएचडी करने वाली है.

Sushma Verma with her family Sushma Verma with her family
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST

देश की सबसे कम उम्र की पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट अब भीम राव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू), लखनऊ से एंवायरमेंटल माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी करने वाली है. हम बात कर रहे हैं 15 साल की सुषमा वर्मा की. सुषमा ने हाल ही में न सिर्फ बीबीएयू से एमएससी पूरी की है बल्कि अपनी क्लास मे टॉप भी किया है.

यूनिवर्सिटी रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट में सुषमा ने 7वीं रैंक हासिल की है. एंवायरमेंटल माइक्रोबायोलॉजी के विभाग प्रमुख नवीन कुमार का कहना है कि पीएचडी में चार सीटें खाली थी, तीन सामान्य श्रेणी में और एक आरक्षित श्रेणी में,  ऐसे में सुषमा के लिए स्पेशल प्रोविजन बनाया जाएगा.  बीबीएयू के वीसी आर सी सोबती ने कहा कि सुषमा ने इतनी कम उम्र में सुषमा ने जो कर दिखाया है वो काबिले तारीफ है और हमें उसकी हिम्मत बढ़ानी चाहिए.  उन्होंने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी सुषमा को स्पेशल कैटेगरी में जरूर एडमिशन देगी.

आपको बता दें कि सुषमा के पिता तेज बहादुर उसी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट सुपरवाइजर हैं जिसमें उनकी बेटी सुषमा पढ़ती है. सुषमा की मां एक हाउसवाइफ हैं. परिवार के आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद सुषमा ने कभी हार नहीं मानी और मेहनत के बल पर सफलता पाई.

सुषमा के रिकॉर्ड्स
सुषमा एग्रीकल्चर माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी करना चाहती हैं. 2005 में सुषमा ने नौवीं क्लास में सेंट मीरा इंटर कॉलेज में एडमिशन लिया था, तब वे सिर्फ पांच साल की थीं. 2007 में लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उन्हें 10वीं पांस करने वाली सबसे कम उम्र की स्टूडेंट घोषित किया. उस वक्त वे 7 साल, तीन महीने और 28 दिन की थीं.

मेहनत के बल पर पाई कामयाबी
सुषमा के लिए वह दौर मुश्किल से भरा था, जब उन्होंने डॉक्टर बनने के लिए उत्तर प्रदेश कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (CPMT) में हिस्सा लिया था. मगर उनका रिजल्ट रोक दिया गया. आरटीआई डालने पर भी कोई आंसर नहीं दिया गया था. इसके बाद सुषमा ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी किया और वहीं से बॉटनी में दिलचस्पी शुरू हुई. अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर सुषमा लगातार कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ रही हैं.

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