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एमसीडी चुनाव में कॉमन सिंबल को लेकर योगेन्द्र यादव की पार्टी हाईकोर्ट पहुंची

एमसीडी चुनाव में कॉमन सिंबल को लेकर योगेन्द्र यादव की पार्टी हाईकोर्ट पहुंच गई है. स्वराज इंडिया पार्टी के कॉमन सिम्बल्स देने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली इलेक्शन ऑफिस ने कहा था कि उसके पास ये अधिकार ही नहीं है और यह केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र से जुड़ी हुई चीज़ है.

योगेंद्र यादव की स्वराज पार्टी लड़ रही है MCD का चुनाव योगेंद्र यादव की स्वराज पार्टी लड़ रही है MCD का चुनाव
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 20 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 6:46 PM IST

एमसीडी चुनाव में कॉमन सिंबल को लेकर योगेन्द्र यादव की पार्टी हाईकोर्ट पहुंच गई है. स्वराज इंडिया पार्टी के कॉमन सिम्बल्स देने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली इलेक्शन ऑफिस ने कहा था कि उसके पास ये अधिकार ही नहीं है और यह केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र से जुड़ी हुई चीज़ है.

दिल्ली इलेक्शन ऑफिस ने कहा कि इस तरह के कॉमन सिंबल देने के लिए नियमों में ही बदलाव करना पड़ेगा और यह नियम बदलने का अधिकार भी केंद्रीय चुनाव आयोग के पास है.

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स्वराज इंडिया पार्टी की तरफ से हाईकोर्ट में पेश वकील प्रंशात भूषण का तर्क था कि एमसीडी चुनावों मे सिंबल बांटने का काम दिल्ली इलेक्शन ऑफिस ही करता है. देश के बाकी हिस्सों में भी स्टेट इलेक्शन कमीशन ही ये काम करता है और उनको कॉमन सिंबल बटाने का अधिकार है, फिर दिल्ली मे यह क्यों नहीं हो सकता? स्वराज इंडिया पार्टी फिलहाल अनरिकग्नाइज्ड रजिस्टर्ड पार्टी है.

चुनाव आयोग का कहना था कि 27 ऐसी ही पार्टियां इस तरह की मांग को लेकर आई हुई थीं और चुनाव आयोग ने उन्हे भी कॉमन इलेक्शन सिंबल देने से इंकार कर दिया है. स्वराज इंडिया पार्टी पहली बार एमसीडी चुनाव में उतर रही है.

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि मामले में विस्तृत सुनवाई करने की जरूरत है, लिहाजा वह अपनी य़ाचिका में कुछ संशोधन करते हुए 14 मार्च के दिल्ली इलेक्शन ऑफिस के आदेश को चुनौती दे. इस आदेश में दिल्ली इलेक्शन ऑफिस ने मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को लेकर कुछ दिशानिर्देश और नियमों के साथ सूची जारी की है.

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कोर्ट ने कहा कि ये संशोधन तुंरत करें ताकि कोर्ट इस मामले पर कल फिर सुनवाई कर सके. गौरतलब है कि 22 अप्रैल को दिल्ली में एमसीडी के चुनाव होने हैं. ऐसे में इस मामले में कोर्ट से आने वाला फैसला काफी अहम होगा.

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