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'द अनसीन इंदिरा गांधी' का विमोचनः शादी के किस्सों पर शरमाईं बहुरानी सोनिया

पूर्व प्रधानमंत्री लौह महिला इंदिरा गांधी के व्यक्तिव पर उनके डॉक्टर रहे के पी माथुर की लिखी किताब 'द अनसीन इंदिरा गांधी' में कई अनछुए पहलु सामने आए हैं. राजनीति से इतर सोमवार को किताब के विमोचन कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कर्ण सिंह भी मौजूद थे. इस मौके पर मुख्य अतिथि कर्ण सिंह ने इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के रिश्तों की खूबसूरती को बयान किया.

डॉ. के पी माथुर ने लिखी 'द अनसीन इंदिरा गांधी' डॉ. के पी माथुर ने लिखी 'द अनसीन इंदिरा गांधी'
केशव कुमार/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2016,
  • अपडेटेड 11:26 PM IST

पूर्व प्रधानमंत्री 'लौह महिला' इंदिरा गांधी के व्यक्तिव पर उनके डॉक्टर रहे केपी माथुर की लिखी किताब 'द अनसीन इंदिरा गांधी' में कई अनछुए पहलु सामने आए हैं. राजनीति से इतर सोमवार को किताब के विमोचन कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कर्ण सिंह भी मौजूद थे. इस मौके पर मुख्य अतिथि कर्ण सिंह ने इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के रिश्तों की खूबसूरती को बयान किया.

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इंदिरा गांधी के पर्सनल फिजीशियन रहे डॉ. माथुर
डॉ. के पी माथुर 1966 से लेकर आखिरी वक्त तक इंदिरा गांधी के पर्सनल फिजीशियन रहे. रोज घर में आना जाना रहा, इंदिरा का साथ घर, दफ्तर, राजनैतिक टूर तक में रहा. ऐसे में गांधी परिवार के सदस्यों से डॉक्टर माथुर का खास लगाव है. तभी इंदिरा के व्यक्तित्व पर लिखी उनकी किताब का विमोचन शीला दीक्षित ने किया. चीफ गेस्ट कर्ण सिंह बने, तो दर्शक दीर्घा में मंच के सामने वाली सीट पर खुद सुर्ख लाल साड़ी में सोनिया गांधी बैठी दिखीं. इंदिरा पर होने वाली हर बात पर सोनिया ताली बजाती नजर आईं.

प्रियंका का संदेश- दादी का मूड डॉ. साहब से पता चलता था
प्रियंका गांधी ने अपने लिखित संदेश में लेखक का महत्व बताते हुए लिखा कि इंदिराजी का मूड आज कैसा है? ये घर में रहने और काम करने वालों को सुबह उन्हीं के जरिए मालूम होता था. आखिर सुबह जब वो इंदिरा के कमरे के बाहर पहुंचते थे, तो इंदिरा के कमरे के दरबान नत्थू से पूछते थे कि भाई आज मिजाज कैसे हैं तो अक्सर नत्थू बोलता था कि सब ठीक है. लेकिन कभी-कभार वो कहता था कि आज बीबीजी गुस्से में हैं. वो बात पूरे घर में फैल जाती थी और सब उसी हिसाब से पूरे दिन के लिए तैयार हो जाते थे. खुद इंदिरा ने अपने हाथ से डॉ. साहब के जन्मदिन पर कविता लिखी. पूरे परिवार के दस्तखत कराए और उनको भिजवाई, जब वो छुट्टी पर कोलंबो में थे. रिश्ता करीबी था, शायद इसीलिए सोनिया बुक लॉन्च से पहले हाई टी में भी शिरकत करने पहुंची थी.

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शीला दीक्षित ने सुनाया इंदिरा का किस्सा
दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने बताया कि अपने ससुर के साथ सपरिवार वो एक मौके पर डिनर करने गईं थी. इस समय इंदिरा का पूरा ध्यान उनके दोनों बच्चों की आवभगत में लगा रहा. इंदिरा ने उनके बच्चों से पूछा कि ठीक से नहीं खा रहे क्या खाओगे तो बच्चों ने कहा कि नॉनवेज. जिसके बाद इंदिरा ने उनके बच्चों के लिए नॉनवेज मंगाया.

लेखक ने सुनाए खास किस्से, तो मुस्कुराईं बहूरानी सोनिया
इंदिरा गांधी जब पाकिस्तान के मुखिया जियाउल हक से मिलीं, तो प्रेस वाले काफी उतावले दिख रहे थे. जियाउल हक उनको देखकर चिंता में थे तो इंदिरा ने चुटकी लेते हुए उनसे कहा कि आप इनकी परवाह नहीं करिए. इनको कुछ नहीं आता. देखिए ये आपको लोकतांत्रिक कहते हैं और मुझे डिक्टेटर. ये किस्सा सुन सोनिया ने ताली बजाते हुए मीडिया की तरफ मुड़ कर देखा और जोर से हंसी. उन्होंने जब ये बताया कि इंदिराजी सोनिया को बहूरानी बुलाती थीं , तो सोनिया के चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी साफ देखी जा सकती थी.

कर्ण सिंह के किस्से पर सोनिया हुईं शर्म से लाल....
कर्ण सिंह इंदिरा के साथ अपने तमाम किस्से सुना रहे थे. उन्होंने कहा कि इंदिराजी को कश्मीर बहुत पसंद था. वो अक्सर वहां जाती थीं. सोनिया उनके किस्सों को सुनकर हामी भर रहीं थीं. अचानक कर्ण सिंह ने कहा कि सोनिया की शादी का भी किस्सा याद आता है. तब वो पहली बार कश्मीर आईं थी और जो कपड़े पहने थे, उससे बिल्कुल कश्मीरी पंडित लग रहीं थीं. उनका ये बोलना था कि सुर्ख लाल साड़ी में 68 साल की सोनिया शरमाते और हंसते हुए बीच में ही बोल पड़ीं कि अरे नहीं, अरे नहीं, अरे नहीं... पर कर्ण सिंह नहीं रुके और कहा कि नहीं सोनियाजी मैं सही कह रहा हूं, आप लग रहीं थीं.

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सोनिया ने की इंदिरा पर 'आज तक' से बातचीत
किताब के विमोचन से पहले हाई टी में मौजूद सोनिया राजनैतिक बात ना करने की शर्त पर पत्रकारों से मुखातिब हुईं. इंदिरा से अपने लगाव की बात करते हुए कहा कि उनके पास इंदिरा के कई इंटरव्यू के 5 घंटे के अलग-अलग वीडियो हैं. कई ऑडियो क्लिप हैं. लेकिन आज अफसोस है कि मैंने घर में उनके ऑडियो-वीडियो क्लिप क्यों नहीं बनाए. वरना उनके पास कितनी बड़ी धरोहर होती.

कुल मिलाकर इस किताब में लेखक डॉक्टर माथुर इंदिरा के व्यक्तित्व का डिक्टेटर वाला रूप पीछे छोड़कर उनके व्यक्तित्व के मजाकिया, लगाव, ख्याल रखने वाली महिला को सामने किया है. शायद ये भी बड़ी वजह है कि गांधी परिवार ने इसके विमोचन में खासी दिलचस्पी दिखाई और सोनिया वहां अलग ही अंदाज में नजर आईं.

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