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बजट 2020: 3 साल में लगा लें स्मार्ट बिजली मीटर, कीमत और कंपनी चुनने की होगी आजादी

नये प्रीपेड बिजली मीटर में उपभोक्ता को अपनी जरूरत के मुताबिक बिजली सप्लायर चुनने और दरों का चयन करने की आजादी मिलेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 3 साल में ये मीटर लगा लें. 

प्रतीकात्मक तस्वीर. प्रतीकात्मक तस्वीर.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:59 AM IST

  • 3 साल में बदले जाएंगे मीटर
  • स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाएगी सरकार
  • बिजली की चोरी पर लगेगी रोक

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बिजली के परंपरागत मीटरों को प्रीपेड स्मार्ट मीटरों से बदल लें. शनिवार को केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार स्मार्ट मीटरिंग को बढ़ावा देना चाहती है. इस नई व्यवस्था से बिजली की खपत को रिकॉर्ड करने में गड़बड़ी, बिजली की चोरी, बिजली मीटर में छेड़छाड़ जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा.

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तीन साल में बदल लें बिजली मीटर

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अगले तीन साल में परंपरागत मीटरों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर से बदल लें. उन्होंने कहा कि इस नये प्रीपेड मीटर में उपभोक्ता को अपनी जरूरत के मुताबिक बिजली सप्लायर चुनने और दरों का चयन करने की आजादी मिलेगी.

बजट में वित्त मंत्री ने विद्युत और नवीरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है.   

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किसान पर मोदी मेहरबान

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सुधार के लिए 16 सूत्री कार्ययोजना का ऐलान किया है. इस योजना का मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना है. दरअसल, केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है.

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वित्तमंत्री ने शनिवार को लोकसभा में आम बजट 2020-21 पेश करते हुए कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में कुल 4.06 लाख करोड़ रुपये का आवंटन करने की घोषणा की. इस रकम में 2.83 लाख करोड़ रुपये कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये जबकि ग्रामीण विकास और पंचायती राज के मदों के लिए 1.23 लाख रुपये आवंटित किए जाएंगे.

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कृषि और संबद्ध क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए 16-सूत्री कार्यक्रमों का एलान करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अनुबंध खेती अधिनियम 2018 और भूमि पट्टा अधिनियम 2016 समेत तीन आधुनिक कृषि कानूनों को लागू करने के लिए प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव दिया है.

वहीं, पानी के संकट से जूझ रहे 100 जिलों के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत व्यापक कदम उठाने की बात कही गई है और 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए मदद की जाएगी. बजट में घोषित 16 सूत्री कार्यक्रमों में उर्वरकों को के संतुलित उपयोग के लिए किसानों को जागरूक करने की बात भी शामिल है.

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