Advertisement

उन्नाव रेप केस में सेंगर को मिलेगी कितनी सजा? 20 दिसंबर को कोर्ट करेगा तय

उन्नाव रेप केस में मंगलवार को कुलदीप सेंगर की सजा पर बहस हुई. इससे पहले सोमवार को तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को रेप केस में दोषी ठहराया था. सेंगर को धारा 376 और पॉस्को कानून के तहत दोषी ठहराया गया है. इस मामले में सेंगर को 7 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा मिल सकती है.

रेप केस में दोषी कुलदीप सेंगर (फाइल फोटो) रेप केस में दोषी कुलदीप सेंगर (फाइल फोटो)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:45 AM IST

  • उन्नाव रेप केस के दोषी सेंगर की सजा पर हुई बहस
  • धारा 376 और पॉक्सो के तहत कोर्ट ने ठहराया दोषी
  • CBI ने सेंगर को ज्यादा से ज्यादा सजा देने की मांग की

उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए जाने के बाद मंगलवार को कुलदीप सेंगर की सजा पर बहस हुई. सोमवार को ही तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को रेप केस में दोषी ठहराया था. सेंगर को आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो कानून के तहत दोषी ठहराया है, जिसमें 7 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है.

Advertisement

सीबीआई ने कहा कि इस तरह के मामलों में ज्यादा से ज्यादा सजा होनी चाहिए, क्योंकि ऐसी घटनाओं से पीड़िता पर सिर्फ शारीरिक हमला ही नहीं होता है, बल्कि यह मानसिक रूप से भी उसे आघात पहुंचाता है.

कोर्ट से मिली सजा समाज के लिए संदेश

सीबीआई ने कहा कि रेप के इस तरह के मामलों में अगर दोषी के साथ सजा देने में कोई रियायत बरती जाती है, तो वो समाज के लिए बेहद घातक होता है और रेप जैसी घटनाओं को समाज में रोकना मुश्किल होता है, क्योंकि इस तरह के मामलों में कोर्ट से मिली सजा समाज में उदाहरण के तौर पर देखी जाती है.

सीबीआई ने कहा कि रेप जैसे घिनौने अपराध के लिए सजा ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए, क्योंकि ये लड़ाई पीड़िता पूरे सिस्टम के खिलाफ लड़ रही है, जिसमें उसका सबकुछ दांव पर है, इसलिए सीबीआई कुलदीप सेंगर को अधिकतम सजा देने की कोर्ट से मांग करती है.

Advertisement

कुलदीप सेंगर के वकील ने कहा कि जनता ने उन्हें 4 बार एमएलए चुना है. ग्रामीण इलाके में उन्होंने लोगों के लिए काफी काम किया है, उन्होंने गंगा नदी पर ब्रिज बनवाया और बच्चों के लिए कई स्कूल खुलवाए. इसके अलावा सेंगर ने अपने इलाके में ITI भी बनवाए.

कुलदीप सेंगर को कम दी जाए सजा: वकील

सेंगर का बचाव करते हुए वकील ने आगे कोर्ट से कहा कि दुर्भाग्य से इस एक केस को छोड़कर उनका पूरा राजनीतिक कॅरियर और पब्लिक लाइफ शानदान रहा है, इसलिए कुलदीप सेंगर को कम से कम सजा दी जाए. बचाव में ये भी कहा गया कि कुलदीप सेंगर द्वारा बलात्कार के इस मामले में कोई मेडिकल नहीं कराया गया. इसके अलावा पीड़िता को कोई चोट भी नहीं आई ( रेप की घटना के बाद).

तीस हजारी कोर्ट इस मामले में अब 20 दिसंबर को दोबारा सुनवाई करेगा. साथ ही कोर्ट इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर की सजा का ऐलान भी कर सकता है. नाबालिग से बलात्कार के मामले में सेंगर को 7 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा सुनाई जा सकती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement