
अयोध्या विवाद मामले में आखिरी दौर की सुनवाई से पहले प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. अयोध्या जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है. अयोध्या मामले में आने वाले संभावित फैसले के मद्देनजर बड़े पैमाने पर फोर्स बुलाई गई है. फोर्स के लिए 200 स्कूलों को आरक्षित किया गया है.
जिलाधिकारी अनुज झा ने अयोध्या में धारा 144 लगाई है. हालांकि अयोध्या में आने वाले दर्शनार्थियों और दीपावली महोत्सव पर धारा 144 का कोई असर नहीं होगा. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पहले धारा 144 लगाई गई है. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि आयोध्या मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर को समाप्त होगी.
जिला प्रशासन अलर्ट
अयोध्या विवाद के संभावित फैसले को लेकर 10 दिसंबर तक जनपद में धारा 144 लागू है. जिलाधिकारी ने जनपद में निषेधाज्ञा लगाई है. जिलाधिकारी के आदेश के मुताबिक अयोध्या विवाद का संभावित फैसला, दीपोत्सव, चेहल्लुम और कार्तिक मेले को लेकर 2 महीने तक अयोध्या जिले में धारा 144 लागू रहेगी. जिला प्रशासन अयोध्या फैसले को लेकर अलर्ट है.
भारी फोर्स बुलाई गई
बताया जा रहा है कि अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में फोर्स मांगी गई है. अयोध्या में रह चुके शीर्ष अधिकारियों को भी दीपावली महोत्सव और सुप्रीम कोर्ट से आने वाले फैसले के मद्देनजर बुलाया जा रहा है. 18 अक्टूबर से पहले चरण की फोर्स आनी शुरू होगी.
दीपावली महोत्सव के बाद पहले चरण की फोर्स रोकी जाएगी जबकि फैसले वाले सप्ताह में दूसरे चरण की फोर्स आएगी. पहले चरण में बाहर से आने वाली पीएसी, सीआरपीएफ और रैपिडेक्शन फोर्स की कंपनियों के लिए 200 स्कूलों को आरक्षित किया गया. 200 स्कूलों की सूची जिला विद्यालय निरीक्षक ने जिला प्रशाशन को भेजी गई है.
विहिप के नए कदम से विवाद
अयोध्या में धारा 144 ऐसे समय लागू की गई जब विश्व हिंदू परिषद (विहिप ) ने इस बार गर्भगृह में विराजमान रामलला के साथ दीपावली मनाने का निर्णय किया है. वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि अगर कमिश्नर ने विवादित परिसर में विहिप को दीपावली मनाने की इजाजत दी तो वह भी वहां नमाज अदा करने की मांग करेंगे.
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि भगवान राम जब लंका विजय के बाद अयोध्या पधारे तब से लेकर आज तक यानी त्रेता युग से लेकर कलयुग तक जगह-जगह पर संतों का कार्यक्रम होता है. दीपों का कार्यक्रम होता है. मैं समझता हूं कि अगर अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है तो उनकी जन्मभूमि पर भी दीपोत्सव का कार्यक्रम होना चाहिए. हम मांग करेंगे कि रामलला जहां विराजमान है वह भी दीपोत्सव का कार्यक्रम होना चाहिए.
मस्जिद के पक्षकार ने किया विरोध
वहीं दूसरी तरफ बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने इसका कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि अगर कमिश्नर ने विवादित परिसर में विहिप को दीपावली मनाने की इजाजत दी तो वह भी वंहा नमाज अदा करने की मांग करेंगे.
बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने कहा कि जहां तक विश्व हिंदू परिषद की बात है तो वहां परमिशन किसी को नहीं मिलेगी. अगर कमिश्नर अनुमति देंगे तो गलती करेंगे.कोर्ट के आदेश के मुताबिक वहां दीप जलाने की अनुमति नहीं है. अगर उनको (हिंदू पक्ष) परमिशन मिलती है तो हम लोग भी कुछ और सोचेंगे. हम उनसे (कमिश्नर) कहेंगे कि उनको दीप जलाने को दिया, हमको नमाज पढ़ने के लिए दीजिए.