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UP: पंचायत चुनाव में सपा को करारा झटका, कई मंत्रियों के रिश्तेदार हारे, बसपा ने दिखाया दम

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है. कई जिलों में जहां प्रदेश के मंत्रियों के रिश्तेदारों को हार झेलनी पड़ी तो वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गोद लिए गए गांव जयापुर में बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को करारी शिकस्त मिली है. राज्य में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पंचायत चुनाव को सेमीफाइल के तौर पर देखा जा रहा है.

मुख्यमंत्री अखि‍लेश यादव और मुलायम सिंह की फाइल फोटो मुख्यमंत्री अखि‍लेश यादव और मुलायम सिंह की फाइल फोटो
स्‍वपनल सोनल/आमिर हक/ब्रजेश मिश्र
  • लखनऊ,
  • 02 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 6:06 PM IST

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है. कई जिलों में जहां प्रदेश के मंत्रियों के रिश्तेदारों को हार झेलनी पड़ी तो वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गोद लिए गए गांव जयापुर में बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को करारी शिकस्त मिली है. राज्य में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पंचायत चुनाव को सेमीफाइल के तौर पर देखा जा रहा है.

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राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी की 36 में से आठ सीटें कांग्रेस को मिलीं जबकि सपा ने 17 सीटों पर कब्जा किया है. यहां बीजेपी को 4 और बसपा को दो सीटें मिली हैं.

सबसे बड़ा झटका तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को लगा है. वाराणसी जिले के जयापुर गांव को प्रधानमंत्री ने गोद लिया था, लेकिन पंचायत चुनावों में यहां मोदी का जरा भी असर नहीं दिखा और बसपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने बीजेपी उम्मीदवार को करारी शिकस्त दी.

विजेताओं को भेजा जा रहा है SMS
राज्य निर्वाचन आयुक्त सतीश अग्रवाल के मुताबिक, चुनाव परिणाम आयोग की वेबसाइट पर लगातार अपलोड किए जा रहे हैं. साथ ही विजयी प्रत्याशियों के मोबाइल पर एसएमएस भेजकर भी जानकारी दी जा रही है. रविवार सुबह आठ बजे से प्रदेश के 819 ब्लॉक में कड़ी सुरक्षा के बीच वोटों की गिनती की जा रही है.

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मतगणना में कई मंत्रियों और दिग्गजों को अपने ही क्षेत्रों में मुंह की खानी पड़ी है. करीब दो दर्जन मंत्रियों ने अपने परिजनों को चुनाव मैदान में उतारा था. हालांकि अधिकांश विधायकों और मंत्रियों ने क्षेत्र पंचायत सदस्यों के लिए निर्विरोध निर्वाचन करा लिया, लेकिन जिला पंचायत में उन्हें विरोधियों से कड़ी टक्कर मिली. अवध क्षेत्र में कारागार मंत्री रामपाल राजवंशी की दोनों बेटियां क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव हार गई हैं. कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रसाद की पत्नी और बेटे देर रात फैजाबाद में जिला पंचायत सदस्य की सीटों पर पीछे चल रहे थे.

राज्य में सपा नेता मनोज सिंह की बहन मीना सिंह को सैयदराजा सीट से जीत हासिल हुई है, जबकि बीजेपी विधायक सुशील सिंह की पत्नी किरण सिंह सकलडीहा से जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनी गई हैं. सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन के पुत्र संतोष यादव और भतीजे मुलायम सिंह यादव जिला पंचायत चुनाव जीत गए है, वहीं सपा के पूर्व विधायक प्रभु नारायण यादव के भाई अनिल यादव और भांजे अरबिंद यादव जिला पंचायत सदस्य चुने गए हैं.

एटा की 30 में 17 सीटों पर सपा का कब्जा
इसी तरह आजमगढ़ सदर विधायक और हाल ही परिवहन मंत्री पद से हटाए गए मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के भतीजे प्रमोद यादव जिला पंचायत हाफिजपुर (महा प्रधान) पद के लिए 7800 वोटों से जीत गए हैं. एटा जिला पंचायत चुनाव में सपा ने अपना परचम लहराते हुए खबर लिखे जाने तक 30 सीटों में से 17 सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया है. 6 सीटों पर वह जीत के करीब है.

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अलीगंज के सपा विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई जुगेन्द्र सिंह यादव की पत्नी, पुत्र, भतीजे ने अलीगंज और जैथरा ब्लॉक की सभी 10 सीटें जीत ली हैं.  जिला पंचायत सदस्यों के कुल 3112 पदों और क्षेत्र पंचायत के 77576 पदों के लिए यूपी में चार फेज में चुनाव हुए थे.

AIMIM को चार सीटें
इस बीच असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सोमवार को दो और सीटें जीत ली हैं. इस तरह पार्टी ने कुल 4 सीटों पर जीत हासिल की है. बलरामपुर के वार्ड नंबर- 3 से नसीमा (1165 वोट से) और बलरामपुर के ही वार्ड नंबर- 29 से पार्टी के मो. ताहिर शाह (2000 वोट से) विजयी रहे हैं. इससे पहले मुजफ्फरनगर से एआईएमआईएम के नेत्रपाल सिंह और आजमगढ़ से कैलाश गौतम विजयी रहे.

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