
पूरे देश में मानो दलित राजनीति को लेकर सभी राजनीतिक दल एक सुर में राग अलापने लगे हैं, आखिर हो भी क्यों नहीं 2019 के लोकसभा चुनाव सर पर हैं और कोई भी दल दलित वोट बैंक को अपने पास से जाने नहीं देना चाहते. बीजेपी बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में एक दिन पहले महाअभियान चलाएगी और साथ ही सभी लोग पंगत में बैठकर एक साथ भोजन भी करेंगे.
बीजेपी के राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी ने बताया कि सभी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने घरों से 10 रोटियां बना कर लाने का भी लक्ष्य रखा गया है, खाने की व्यवस्था खुद ही अपने घर से सभी कार्यकर्ताओं को करनी होगी और घर से लाकर ही वही भोजन पंगत में बैठकर खाना होगा. साथ ही उन्होंने अपने सभी कार्यकर्ताओं से इस महाअभियान को सफल बनाने के लिए भी आह्वान किया है.
दलितों के साथ सहभोज
इससे पहले कुछ दिन पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा था कि वो अपने सभी दलित भाइयों से प्रेम करते हैं और इसी क्रम में वो बारी-बारी से 100 दलित परिवारों के घर में भोजन करेंगे.
इसी वोटबैंक को साधने के लिए भाजपा शासित उत्तराखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत ने भी यह फैसला लिया है कि वो खुद बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर एक दिन पहले दलित परिवार/ दलित समाज के साथ उन्हीं के साथ बैठ कर भोजन करेंगे.
बीजेपी के नेता और प्रवक्ता महानगर अध्यक्ष विनय गोयल ने बताया कि दलित समाज हमसें कभी छिटका ही नहीं था, वो हमेशा से बीजेपी के साथ था और आगे भी रहेगा. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की जयंती 14 अप्रैल से लेकर उनके महापरिनिर्वाण दिवस (6 दिसंबर) तक भाजपा का यह महाअभियान जारी रखेगी.
अनुसूचित जाति के नेता और भाजपा के राजपुर विधायक खजानदास ने भी कहा कि 2 अप्रैल की घटना से उन्हें दुःख है. उन्होंने दलित वोट बैंक को साधते हुए सीधे तौर पर कहा कि अनुसूचित जाति के बगैर भाजपा अधूरी है. विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि तोड़ने की राजनीति हमेशा से ही विपक्ष के लोग करते आ रहे हैं, उनके मंसूबों में कभी भी कामयाबी नहीं मिलेगी.