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एनआईए यानी नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी के डीएसपी तंजील अहमद के सनसनीखेज कत्ल का राज खुल चुका है. तंजील अहमद के कत्ल के पीछे ना तो किसी आतंकवादी या आतंकवादी संगठन का हाथ था और ना ही उनके पेशे या पेशे से जुड़े किसी केस की तफ्तीश से इसका कोई लेना-देना था. बल्कि तंजील अहमद के कत्ल की वजह रिश्तेदारों से दुश्मनी, पैसा और प्रापर्टी है. उनका कत्ल उनके अपने ही लोगों ने किया.
एनआईए के एक डीएसपी को 24 गोलियां मारी जाती हैं. सुबह होते-होते पूरे देश में खबर आग की तरह फैल जाती है. जितने मुंह उतनी बातें. कोई इस मर्डर को आतंकवादी घटना से जोड़ता है तो कोई टेरर ग्रुप के किसी और मॉड्यूल से. कोई ये कहता है कि चूंकि तंजील आतंकवादियों के नेटवर्क के पीछे पड़े थे उसी का बदला है ये. तो किसी का कहना था कि तंजील एनआईए में बहुत ही खुफिया मिशन पर थे और शायद उसी की वजह से उन्हें निशाना बनाया गया. लेकिन सारी बातें बस बातें ही निकलीं. सच कुछ और ही निकला.
कैश वैन लूट का क्या है कनेक्शन?
सारे इल्जामों से बडा एक इल्जाम तंजील अहमद पर ऐसा भी है जिसे फिलहाल पुलिस ना नकार रही है और ना स्वीकार रही है. और ये संगीन इल्जाम ये है कि जिस मुनीर ने तंजील अहमद को गोली मारी उसी मुनीर ने चार महीने पहले एक बैंक के कैश वैन से 91 लाख रुपए लूटे थे. क्या लूट की उस रकम से तंजील का कोई लेना-देना था? आईजी के मुताबिक, लूट की रकम के बारे में अभी जांच जारी है.
पुलिस की गिरफ्त से दूर है असल गुनहगार
एनआईए, एटीएस, एसटीएफ, लोकल पुलिस सब मिल कर एक साथ कई दिनों तक माथापच्ची करते रहे. हर एंगल को खंगाल डाला. पर आखिर में सच यही सामने आया है. लेकिन क्या सच पूरा है? या पुलिस अब भी आधा सच बता रही है और आधा छुपा रही है? डीएसपी तंजील अहमद के कत्ल के सिलसिले में फिलहाल पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. रेयान और जैनी. कत्ल और कत्ल के मकसद की अब तक की सारी कहानी इन्हीं दोनों ने सुनाई है. इन्हीं की कहानी सुनने के बाद पुलिस ने मीडिया को अपनी कहानी सुनाई. मगर इस कत्ल से जुड़ा तीसरा बल्कि यूं कहें कि सबसे अहम किरदार यानी मुनीर अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. मुनीर यानी 91 लाख रुपए की लूट का मास्टरमाइंड. तो क्या बाकी की आधी कहानी मुनीर के सामने आने के बाद ही सामने आएगी?
इतनी गोलियां मारीं कि बचने का मौका न मिले
पुलिस के मुताबिक, डीएसपी तंजील अहमद के कत्ल के दो अहम किरदार हैं. एक रेयान और दूसरा मुनीर. कत्ल वाली रात रेयान बाइक चला रहा था. जबकि बाइक के पीछे बैठे मुनीर ने तंजील अहमद को बिल्कुल करीब से 24 गोलियां मारीं. तंजील अहमद रेयान के चाचा के बहनोई थे. दरअसल खानदान के बीच नफरत और दुश्मनी की शुरूआत तंजील अहमद और रेयान के रिश्तों से ही शुरू हुई. और इसकी वजह थी पैसा और प्रापर्टी. एनआईए के डीएसपी मुहम्मद तंजील अहमद का कत्ल जिस सनसनीखेज तरीके से हुआ वैसा कम ही देखने को मिलता है. एक ऐसा कत्ल, जिसमें दुश्मन ना सिर्फ अपने शिकार का लंबे वक्त तक पीछा करते रहे बल्कि मौका मिलते ही एक साथ इतनी गोलियां दाग दीं कि बचने की कोई गुंजाइश ही नहीं बची.
तंजील की पत्नी को भी मारी गोली, अस्पताल में है भर्ती
दो और 3 अप्रैल की रात को बिजनौर में एनआईए के डीएसपी मुहम्मद तंजील अपने परिवार के साथ एक शादी से वापस लौट रहे थे. तभी बाइक पर सवार रेयान और मुनीर ने बीच रास्ते में उनकी कार को ओवरटेक कर उनका रास्ता रोका और अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं. गोली तंजील के अलावा उनकी बीवी को भी लगी जो अभी भी अस्पताल में बेहद गभीर हालत में भर्ती हैं. इस कत्ल के चश्मदीद तंजील के दो बच्चे भी थे जो उस वक्त कार में ही थे.
इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस का पहला सुराग पुलिस को 9 एमएम की उस पिस्टल से मिला जिससे तंजील अहमद को गोली मारी गई थी. आईजी ने बताया कि लखनऊ फारेंसिक में जांच के बाद यह साफ हुआ है कि लूट और कत्ल में इस्तेमाल किया गया खोखा एक ही था. इसी के बाद साफ हो गया था कि तंजील के कत्ल से आतंकवदी नेटवर्क या उनके पेशे का कोई रिश्ता नहीं है. बल्कि ये आपसी रंजिश का नतीजा है. क्योंकि तब तक पुलिस तंजील के रिश्तेदार रेयान को उठा चुकी थी और वो सब कुछ बता चुका था. कत्ल की वजह भी.
कत्ल के पीछे ये था मकसद
तंजील अहमद रेयान के चाचा के बहनोई थे. रेयान की बुआ और फूफा का दिल्ली के रंजीत नगर में पड़ोसी से झगड़ा हो गया था. पुलिस में मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्होंने तंजील से मदद मांगी. तंजील अहमद ने मदद नहीं की जिसकी वजह से बुआ और फूफा दो दिन जेल में रहे. ओखला में रेयान के चाचा का चार मंजिला मकान तंजील अहमद ने लिया . मकान के बदले एक दुकान दिया. पर दुकान की कीमत मकान से सस्ती थी. रेयान के पिता के मौसेरे भाई का एक करोड़ रुपए एक प्रापर्टी डीलर के पास फंसा था. इस मामले में भी तंजील से मदद मांगी. मगर तंजील ने मदद करने की बजाए उसी प्रापर्टी डीलर के साथ अपने ममेर भाई की पार्टनरशि करा दी. रेयान की बुआ पर तंजील ने मोबाइल चोरी का इलजाम लगाया. इन सब बातों से रेयान तंजील से नाराज था.
ये तो रही रेयान की तंजील अहमद से नाराजगी की वजह. पुलिस की मानें तो वो रेयान ही था जिसने मुनीर को तंजील के खिलाफ उकसाया था और उसी के बाद तंजील को रास्ते से हटाने का प्लान बना. पर सवाल ये है कि मुनीर तंजील से क्यों नाराज था? तंजील का उस मुनीर से क्या रिश्ता था जिसकी 2013 से ही पुलिस को तलाश थी? तो मुनीर की तंजील अहमद से नाराजगी की वजह कुछ और थी.
यूपी पुलिस का एक और बड़ा खुलासा
डीएसपी तंजील अहमद के कत्ल का खुलासा करते हुए यूपी पुलिस ने एक और सनसनीखेज खुलासा किया. और वो ये कि तंजील अहमद 2013 से वांटेड भगोड़े अपराधी मुनीर के साथ ना सिर्फ संपर्क में थे बल्कि उसके साथ मिल कर मुरादाबद में दुकान भी ली और प्रापर्टी का बिजनेस भी करने जा रहे थे. पर फिर मुनीर तंजील अहमद का दुश्मन कैसे बन गया?
एक ही गांव के थे तंजील और मुनीर
मुनीर यूपी के उसी सहसपुर गांव का है जहां के तंजील अहमद थे. अलीगढ़ मुस्सलिम यूनिवर्सिटी के होस्टल में अवैध रूप से ठहरने के मामले में मुनीर पर पहला केस दर्ज हुआ था. पुलिस को उसकी तभी से तलाश थी. इसके बाद छोटे-मोटे कई जुर्म करेत हुए उसके नाम सबसे बड़ा जुर्म पिछले साल दिसंबर में तब दर्ज हुआ जब उसने बैंक के कैश वैन से 91 लाख रुपए लूटे और दो लोगों को गोली मार दी. बकौल पुलिस मुनीर की तंजील से नाराजगी की जो खास वजहें थीं वो ये हैं-
- मुनीर ने 28 दिसंबर 2015 को धामपुर में पंजाब नेशनल बैंक की कैश वैन से 91 लाख लूटे थे
- इस लूट के बाद से ही तंजील मुनीर को ढूंढ रहे थे
- मुनीर को शक था कि तंजील उसकी मुखबिरी कर रहा है
- हालांकि 2013 से ही पुलिस मुनीर को तलाश रही थी
- मगर तंजील अहमद लगातार मुनीर के संपर्क में थे
- मुनीर के साथ मिल कर ही मुरादाबाद में दुकान भी खरीदी
- मुनीर को डर था कि तंजील उसे पकड़वा देगा
तंजील अहमद के कत्ल के इलजाम में गिरफ्तार रेयान की मानें तो तंजील अहमद ने हमेशा उसके खानदान को अपमानित किया. और बस इसीलिए उसने उन्हें मार डाला.