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OROP पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा- हर साल पेंशन रिवाइज नहीं कर सकते

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वन रैंक वन पेंशन को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों की मांग को लगभग खारिज करते हुए कहा कि पेंशन में हर साल संशोधन नहीं किया जा सकता.

वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो) वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वन रैंक वन पेंशन को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों की मांग को लगभग खारिज करते हुए कहा कि पेंशन में हर साल संशोधन नहीं किया जा सकता. हालांकि जेटली ने यह भी कहा कि सरकार उच्च पेंशन दरों के साथ कम उम्र में रिटायर होने वाले सैनिकों के हितों की रक्षा करेगी.

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78 दिनों से धरना दे रहे हैं पूर्व सैनिक
जेटली ने कहा कि दुनिया में कहीं भी हर साल पेंशन में संशोधन नहीं होता है. उनके मुताबिक, सरकार OROP के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन केवल एक मुश्किल गणितीय जमा घटा है. पूर्व सैनिक वन रैंक वन पेंशन की अपनी मांग को लेकर पिछले 78 दिनों से दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं. उनकी मांगों में पेंशन में सालाना संशोधन भी शामिल है.

'सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जल्द लागू होंगी'
वित्त मंत्री ने कहा, ‘OROP का मतलब क्या है? इसके लिए मेरा अपना फॉर्मूला है. किसी और का OROP पर अपना फॉर्मूला हो सकता है लेकिन यह तार्किक मापदंडों के अनुरूप होना चाहिए. आप ऐसा OROP नहीं लागू कर सकते, जहां पेंशन हर महीने या हर साल संशोधित होती हो.’ वित्त मंत्री ने साथ ही कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जल्द ही आएंगी.

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मेरा काम गृहिणी की तरह: जेटली
जेटली ने कहा, ‘मैं पैसे को लेकर बेहद सतर्क रहता हूं और इसीलिए मेरा काम वास्तव में एक गृहिणी की तरह है जिसे घर में खर्च होने वाले एक-एक पैसे का हिसाब किताब रखना पड़ता है ताकि आप जरूरत से अधिक खर्च न कर दें और उसके बाद उधार मांगें और अगर आप एक सीमा से अधिक उधार मांगते हैं तो आप वित्तीय अनुशासनहीनता में शामिल होते हैं.’

'कम उम्र में रिटायर होने वाले सैनिकों के हितों की रक्षा करेंगे'
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम सिद्धांत (OROP) को स्वीकार करते हैं. हम सिद्धांत को लागू करेंगे लेकिन ऐसा माहौल नहीं बनाना चाहिए जहां समाज के अन्य वर्ग भी इसी प्रकार की मांगें रखना शुरू कर दें.’ जेटली ने कहा, ‘हम 35 से 38 साल की उम्र में रिटायर होने वाले सैनिकों के हितों की सुरक्षा करना चाहेंगे और समाज को भी उनकी रक्षा करनी चाहिए इसलिए एक विशेष फॉर्मूले पर उच्च पेंशन समझ में आती है लेकिन इसमें हर साल संशोधन नहीं किया जा सकता.’

आने वाली पीढ़‍ियों को न भुगतना पड़े खामियाजा: जेटली
जेटली ने कहा, ‘क्या बीएसएफ इसे कर सकता है? क्या सीआरपीएफ ऐसा कर सकता है? जाहिर सी बात है कि विवेकवान भारत कहेगा कि यह सही कदम नहीं है . आप कोई ऐसा कदम नहीं उठा सकते जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़े. इसलिए तार्किक आधार पर निश्चित रूप से हम OROP को लागू करने में सक्षम होंगे.’

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