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पश्चिम बंगाल विधानसभा में लगे मोदी विरोधी नारे, CAA के खिलाफ प्रस्ताव पेश

पश्चिम बंगाल विधानसभा में  CAA के खिलाफ प्रस्ताव का कांग्रेस और सीपीएम ने समर्थन किया है. हालांकि दोनों ही पार्टियों ने प्रस्ताव लाने में हुई देरी को लेकर ममता सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल) मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल)
aajtak.in
  • कोलकाता,
  • 27 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

  • ममता के प्रस्ताव पर कांग्रेस-लेफ्ट का समर्थन
  • तेलंगाना भी प्रस्ताव लाने पर कर रहा विचार

पश्चिम बंगाल विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया है. इस प्रस्ताव पर विधानसभा में चल रही है. कांग्रेस ने प्रस्ताव लाने में देरी करने पर ममता सरकार पर सवाल उठाया है.

सीपीएम ने प्रस्ताव का समर्थन किया है. सीपीएम ने कहा कि उन्होंने कई बार CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाने को कहा, लेकिन सरकार ने जान बूझकर देरी की.

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विधानसभा में चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक स्वाधीन सरकार ने CAA के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को धन्यवाद दिया. इसके बाद पूरा सदन उनके विरोध में खड़ा हो गया. स्वाधीन सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. इसके अलावा पीएम मोदी के खिलाफ भी नारेबाजी हुई. दूसरे विधायकों ने बीजेपी विधायकों से पूछा कि क्या आपके पास कागज है? क्या आप भारतीय हैं?

बीजेपी विधायक स्वाधीन सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक ही अबतक एनआरसी की प्रक्रिया की गई है.

पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्र फिरहाद हाकिम ने कहा कि हमलोग बंगाल में रहते हैं, और स्वामी विवेकानंद और रवींद्रनाथ टैगोर के आदर्शों का पालन करते हैं. उन्होंने कहा कि हम धर्मनिरपेक्ष राज्य में विश्वास करते हैं. कांग्रेस और सीपीएम पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि एनआरसी के खिलाफ हमने सबसे पहले प्रस्ताव लाया.

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राजस्थान बना तीसरा राज्य

देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ लोग धरना दे रहे हैं. वहीं राजस्थान सरकार ने भी पिछले हफ्ते शनिवार को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है.

इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया . राजस्थान सरकार से पहले केरल और पंजाब की राज्य सरकारें नागरिकता कानून के खिलाफ पहले प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं.

सबसे पहले केरल सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था. उसके बाद पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया.

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तेलंगाना भी प्रस्ताव के मूड में

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार भी पहले ही कह चुकी है कि वह नए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ है.

इन राज्यों के अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने भी नागरिकता संसोधन कानून (CAA) का विरोध किया है. उनका कहना है कि सीएए एक गलत फैसला है. सीएम केसीआर ने कहा, 'हम एक विशेष सत्र बुलाकर सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगे. हम जल्द ही इस मुद्दे पर दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) देश को हिंदू राष्ट्र बना रही है.'

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अगर तेलंगाना सरकार भी सीएए के खिलाफ प्रस्ताव सदन से पारित कराती है तो ऐसा करने वालों में तेलंगाना भी उन राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां सरकार कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुकी है.

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राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने शनिवार को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है.

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