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पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का असर, थोक महंगाई दर बढ़कर 3.18% हुई

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से न सिर्फ आपकी जेब पर बोझ पड़ा है, बल्क‍ि इसका सीधा असर अप्रैल महीने में थोक महंगाई दर पर भी देखने को मिला. अप्रैल महीने में थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) पर आधारित महंगाई दर 3.18 फीसदी रही.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2018,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से न सिर्फ आपकी जेब पर बोझ पड़ा है, बल्क‍ि इसका सीधा असर अप्रैल महीने में थोक महंगाई दर पर भी देखने को मिला. अप्रैल महीने में ईंधन और फलों के दाम बढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) आधारि‍त महंगाई दर 3.18 फीसदी रही.

वाण‍िज्य मंत्रालय ने डब्लूपीआई के आंकड़े जारी किए हैं. अप्रैल में 3.18 फीसदी तक पहुंच चुकी थोक महंगाई दर मार्च में 2.47 फीसदी पर थी.  थोक मूल्य सूचकांक आधारि‍त महंगाई अप्रैल में 0.67 पैसे साल-दर-साल के आधार पर बढ़ी है.

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डब्लूपीआई में हुई इस बढ़ोतरी के लिए ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और फलों के दाम बढ़ने को जिम्मेदार माना जा रहा है. सरकार की तरफ से जारी डाटा  के मुताबिक अप्रैल में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फिति 0.87 फीसदी रही. सब्ज‍ियों के दाम में अप्रैल महीने में 0.89 फीसदी की कमी आई है. इससे पहले महीने यह दर 2.70 फीसदी थी.

आंकड़ों के मुताबिक ईंधन और बिजली के लिए मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में 7.85 फीसदी रही. मार्च में यह 4.70% थी. इस दौरान फलों के लिए मुद्रास्फीति अप्रैल में दहाई अंक में पहुंच गई है. अप्रैल के दौरान फलों के लिए मुद्रास्फीति 19.47 फीसदी रही. मार्च में यह 9.26 फीसदी पर थी.

बता दें कि पिछले कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. इसकी वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है.

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