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'फ्रीडम 251': बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने कंपनी पर दर्ज कराया केस

पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि मोबाइल कंपनी के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है. दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्ट फोन फ्रीडम 251 बुकिंग शुरू होने के साथ ही सवालों के घेरे में आ गया था.

सोशल मीडिया पर सबसे पहले जांच की मांग हुई सोशल मीडिया पर सबसे पहले जांच की मांग हुई
केशव कुमार
  • नोएडा,
  • 23 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

स्मार्ट फोन को 251 रुपये में देने का दावा करने वाली मोबाइल कंपनी के खिलाफ बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने बुधवार को केस दर्ज कराया. नोएडा के फेस थ्री पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने लोगो से अपने खाते में पैसे जमा कराए और लुभावने विज्ञापन देकर ठगी की. 'आज तक' ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में 251 रुपये में स्मार्टफोन देने के कंपनी के दावों और उसकी तैयारी से जुड़ी  कई जानकारियां सामने रखी थी.

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बुकिंग शुरू होते ही सवालों से घिरा
पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि मोबाइल कंपनी के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है. दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्ट फोन फ्रीडम 251 बुकिंग शुरू होने के साथ ही सवालों के घेरे में आ गया था.

सोशल मीडिया पर उठी आवाज
सोशल मीडिया पर मोबाइल कंपनी के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठी. पहले दिन कंपनी के सर्वर पर ओवरलोड बढ़ गया था और साइट 24 घंटे के लिए बंद कर दी गई थी. किरीट सोमैया ने इस मामले को लेकर कहा था कि यह एक बड़ा घोटाला है. उन्होंने कंपनी के सभी कागजों की जांच की उसके बाद मामला दर्ज कराया है.

सोमैया ने पहले सरकार से की थी शिकायत
सोमैया के कहा कि उन्होंने सरकार से भी ऐसी कंपनी की सच्चाई पता लगाने के लिए अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि एक फर्जी कंपनी की ओर से किया गया यह बड़ा घोटाला है. मात्र तीन महीने पहले कंपनी रजिस्टर्ड हुई है. उसकी आरंभिक अंश पूंजी मात्र 50-60 लाख रुपये है. मुझे लगता है कंपनी लोगों का पैसा लेकर भाग जाएगी.

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कम कीमत होने की बताई गई वजहें
इसके पहले रिंगिंग बेल्स के चेयरमैन अशोक चड्ढा ने दावा किया था कि फ्रीडम 251 की लागत 2500 रुपये है पर 251 रुपये में बेचेंगे. इसके लिए कोई सरकारी सब्सिडी नहीं मिल रही. उनका कहना था कि उत्पादन से कम लागत आएगी. करों में छूट से कीमत में 20 से 30 फीसदी घटेगी. जीएसटी लागू होने से भी 13.8 फीसदी और मेक इन इंडिया से 400 रुपये कम हो जाएंगे. उन्होंने कहा था कि ऑनलाइन बेचकर भी कंपनी 500 रुपये तक बचाएगी. इसके अलावा खुद के ऑनलाइन चैनल से 35 फीसदी और लागत घटेगी.

कीमत की गड़बड़ियों को समझें
आईसीए के अध्यक्ष पंकज महिंद्रू ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सबसे सस्ती सप्लाई चेन से सामान मंगाकर इसे बेचा जाए तो भी यह 40 डॉलर यानी 2700 रुपये तक में नहीं बेचा सकता है. कर और शुल्क, वितरण लागत, मुनाफा जो़ड़ने के बाद तो 4100 रुपये से कम में भी नहीं बेचा जा सकता. उन्होंने कहा था कि अगर इसे सब्सिडी पर भी बेचा जाए तो भी 3500 से 3800 रुपये से कम में नहीं बेचा जा सकता. फ्रीडम 251 पर कोई सब्सिडी नहीं है, तो फिर यह इतना सस्ता कैसे बेच सकते हैं?

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