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जर्मनी की इस महिला ने रचाई बिहार के लड़के से शादी

जर्मनी की एक महिला को भारतीय संस्कृति ऐसी भाई कि उसने भारतीय बनने का फैसला कर लिया. हम बात कर रहे हैं विक्टोरिया नाम की उस जर्मन महिला की जिसने हाल ही में एक बिहारी लड़के से शादी रचाई है.

विक्टोरिया और राज सिंह विक्टोरिया और राज सिंह
स्वाति गुप्ता/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

भारत के लोग आमतौर पर जहां विदेशी सभ्यता के कायल हुए जा रहे हैं, वहीं विदेशियों को भारतीय संस्कृति खूब भा रही है. इतना ही नहीं, विदेशी महिलाओं को अब भारतीय दूल्हा भी पसंद आने लगा है.

जर्मनी की एक महिला को भारतीय संस्कृति ऐसी भाई कि उसने भारतीय बनने का फैसला कर लिया. जर्मनी की इस महिला का नाम विक्टोरिया है, जिसने हाल ही में बिहार के जमुई पहुंचकर गिद्धौर के रतनपुर गांव के 30 साल के लड़के राज के साथ शादी रचाई.

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गोवा में हुई थी मुलाकात
जमुई में कानूनी रूप से शादी के बंधन में बंधने वाले इस कपल को देखने के लिए काफी लोग पहुंचे. बता दें कि जर्मनी के हमबर्ग की रहने वाली विक्टोरिया की मुलाकात जमुई जिले के रतनपुर गांव में रहने वाले राज सिंह से साल 2014 में गोवा में उस समय हुई थी, जब वह गोवा घूमने आई थी. राज गोवा की एक टूरिज्म कंपनी में काम करते हैं.

विक्टोरिया को भाया भारत का माहौल
राज बताते हैं कि इस मुलाकात के बाद दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. उन्होंने ने कहा, 'हम दोनों काफी करीब आ गए और दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया. विक्टोरिया को भी भारत का माहौल काफी पसंद आया.' वहीं विक्टोरिया ने कहा, 'राज की बातों और विचारों से प्रभावित होकर मैंने उसके साथ जीवन गुजारने का फैसला कर लिया.'

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मां-बाप की रजामंदी से रचाई शादी
विक्टोरिया इसी साल छह मार्च को दुल्हन बनने के इरादे से भारत आईं और राज के साथ जमुई के रतनपुर गांव पहुंचीं. राज के पिता नरेंद्र कुमार सिंह और मां तिलोत्तमा देवी से रजामंदी मिलने के बाद दोनों ने 11 मार्च को शादी के लिए जमुई स्थित निबंधन कार्यालय में आवेदन दिया और फिर 25 अप्रैल को कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों ने विधिवत शादी कर ली.

विदेशी बहू पाकर खुश हैं सास-ससुर
राज के माता-पिता भी विदेशी बहू पाकर बहुत उत्साहित हैं. राज के पिता ने कहा कि भारतीय संस्कृति 'वसुधैव कुटुंबकम्' पर विश्वास करती है, यानी सारे जहां को अपना रिश्तेदार मानती है. ऐसे में जाति और देश का बंधन रिश्तों पर भारी नहीं पड़ सकता. उनके लिए उनके बेटे की खुशी ही सबसे बढ़कर है.

गांव में जश्न
शादी का प्रमाणपत्र लेने के बाद शादी के बंधन में बंधे विक्टोरिया ने कहा, 'मुझे भारत की संस्कृति बहुत पसंद है. मैं इसे पूरी तरह अपनाने की कोशिश करूंगी. हालांकि मुझे थोड़ी मुश्किल होगी, लेकिन मैं पूरी कोशिश करूंगी.'

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