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पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई के इशरत जहां मामले में खुलासे से राजनीति गलियारों में हड़कंप मच गई है. पिल्लई ने खुलासा कि इशरत जहां संदिग्ध गतिविधियों में शामिल थी, इसकी भनक खुफिया एजेंसियों को लगी थी और फिर इशरत की हत्या के लिए योजना बनाई थी.
पुलिस की जांच में आया था मामला
जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच में भी ये मामला सामने आया था. लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इशरत की मुठभेड़ को कथित फर्जी मामले में चुप्पी साधी रखी.
लश्कर कमांडर ने किया था खुलासा
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 26 जून 2004 को लश्कर के कमांडर शाहिद महमूद को गिरफ्तार किया था. जिसने खुलासा किया था कि इशरत के साथ मुठभेड़ में मारे गए तीन लोगों में एक अमजद अली उर्फ सलीम उर्फ बाबर एक पाकिस्तानी आतंकवादी था.
टीवी पर देखकर आतंकी को पहचाना
जम्मू कश्मीर पुलिस ने खुलासा किया कि महमूद ने बताया था कि अहमदाबाद में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया एक शख्स लश्कर का आतंकी था. उसका चेहरा उसने एक टीवी न्यूज पर देखकर पहचाना था.
13 दिन बाद पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
हालांकि, इशरत के एनकाउंटर के 13 दिन बाद 28 जून 2004 को खुफिया सूचना के आधार पर श्रीनगर के बाहरी इलाके ऑस्टिन बोरा में पुलिस ने महमूद और एक अन्य पाकिस्तानी आतंकी हाफिज जाहिद को भी मार गिराया था. इस मुठभेड़ पर भी सवाल उठाए थे.
लश्कर मॉड्यूल का हुआ था भंडाफोड़
इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में एक लश्कर के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. पुलिस ने 18 लोगों को भी गिरफ्तार किया था. पुलिस के मुताबिक ये मॉड्यूल आतंकी महमूद और जाहिद को मदद कर रह था.
गिरफ्तार लोगों में कई लोकल
पुलिस ने 15 जून अहमदाबाद में लश्कर के गुर्गे को मारे गिराने केस से इसका कनेक्शन होने का इशारा किया. गिरफ्तार 18 लोगों में मुख्यमंत्री निवास पर तैनात इलेक्ट्रशियन, एक मंत्री का ड्राइवर और एक पुलिस वाला था, जो फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर है.
सरकार के हफलनामे में भी जिक्र
इस मामले का जिक्र गुजरात सरकार ने और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने हलफनामे में भी किया था. महमूद ने ये भी खुलासा किया था कि लश्कर के एक कमांडर वीआईपी लोगों पर हमले के लिए अहमदाबाद रवाना किया गया था.
एनकाउंटर गलत नहीं था: पिल्लई
इशरत जहां एनकाउंटर मामले में पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई ने कहा कि वह आतंकी थी और एनकाउंटर गलत नहीं था. पिल्लई ने कहा कि आतंकी घटनाओं में जुड़ी थी या नहीं यह तो जांच का विषय है. लेकिन वह जानती थी कि वह हकीकत में क्या कर रही थी.
मुठभेड़ को लेकर खुलासे जारी
इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी आर वी एस मणि ने बताया था कि आईबी अधिकारियों को फंसाने के लिए उनपर दबाव बनाया गया था. ताकि यह पेश किया जा सके कि इशरत और अन्य तीन लश्कर आतंकवादियों के साथ 2004 में अहमदाबाद में हुई मुठभेड़ फर्जी थी.
आतंकियों ने निशाने पर थे कई ठिकाने
जम्मू कश्मीर पुलिस ने महमूद का एनकाउंटर को एक बड़ी कामयाबी बताई थी. पुलिस का दावा था कि इस आतंकी गिरोह के निशाने पर 2002 पम्पोश होटल, 2003 में जान कॉम्पलैक्स, सीआऱपीएफ के बटालियन, और जम्मू-कश्मीर के DIG महमूद अमीन भट समेत बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज तक था.