
इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान ने 22 मिसाइलें दागी थी. यह दावा इराकी सेना ने किया है. इराकी सेना का कहना है कि ईरान के इस मिसाइल अटैक पर किसी भी इराकी नागरिक की मौत नहीं हुई हैं. वहीं, ईरानी मीडिया का दावा है कि इस अटैक में 80 अमेरिकी जवानों की मौत हुई है. हालांकि, पेंटागन का कहना है कि हम अभी नुकसान का आकलन कर रहे हैं.
मध्य इराक में बुधवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) अल असद एयरबेस पर कई रॉकेटों से हमले किए गए, जहां कई अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जो कि अमेरिकी ड्रोन हमले के मद्देनजर ईरान की ओर से पहली बार किया गया जवाबी हमला है. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलमानी मारे गए थे, जिसके बाद से अमेरिका और ईरान के रिश्तों में तल्खी बढ़ गई है.
ईरान के इस हमले में 80 सैनिकों की मौत हुई है. यह दावा ईरानी मीडिया ने किया है. ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद मंगलवार देर रात ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर दर्जनभर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया गया. फिलहाल पेंटागन नुकसान का आकलन कर रहा है. इस बीच ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि ईरानी मिसाइल हमले में 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं.
उधर व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हमले के बारे में सूचित किया गया है और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के संपर्क में हैं, जबकि ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा है कि रिवोल्यूशनरी गार्डस ने हमले को अंजाम दिया है. ईरान की समाचार एजेंसी इस्ना के मुताबिक, "आज (बुधवार) सुबह, (ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड) के साहसी लड़ाकों ने 'ओह जाहरा' कोड के साथ आतंकवादी अड्डे और आक्रामक अमेरिकी फोर्सेज 'एन अल असद' पर मिसाइलें दाग कर ऑपरेशन शहीद सुलेमानी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया."