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भारत में नेपाल के बर्खास्त राजदूत की पुनर्बहाली का फैसला

नेपाल की माओवादी नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने भारत में नेपाल के बर्खास्त अपने राजदूत को पुनर्बहाल करने का फैसला किया है. नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक से भारत में अपने पुराने राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को पुनर्बहाल करने का फैसला किया है.

नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय
मोनिका शर्मा
  • काठमांडू,
  • 02 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:48 AM IST

नेपाल की माओवादी नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने भारत में नेपाल के बर्खास्त अपने राजदूत को पुनर्बहाल करने का फैसला किया है. नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक से भारत में अपने पुराने राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को पुनर्बहाल करने का फैसला किया है.

भारत दौरे पर आ रहे हैं नेपाल पीएम
गुरुवार की देर शाम हुई कैबिनेट की बैठक के बाद नेपाल सरकार के प्रवक्ता व सूचना तथा संचार मंत्री राम कार्की ने भारत में अपने पुराने राजदूत उपाध्याय को ही फिर से भेजने के फैसले की जानकारी दी. नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचण्ड के 15 सितंबर से प्रस्तावित भारत दौरे के मद्देनजर उपाध्याय को दिल्ली भेजने का फैसला किया गया है.

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पिछली सरकार ने किया था बर्खास्त
वर्तमान सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस के नेता समेत राजदूत रहे उपाध्याय को नेपाल की पिछली केपी ओली की सरकार ने पद से बर्खास्त कर दिया था. दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास के प्रमुख रहते हुए दीप कुमार उपाध्याय पर अपने ही देश की ओली सरकार को अपदस्थ करने में मुख्य भूमिका निर्वाह करने का आरोप लगाते हुए पहले वापस बुलाया गया और बाद में पदमुक्त कर दिया गया था.

माओवादी ने वापस लिया था समर्थन
ओली सरकार को समर्थन दे रहे माओवादी ने जब पहली बार अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की कोशिश की थी, उसी समय तत्कालीन प्रधानमंत्री ओली ने भारत में रहकर विपक्षी दल के पक्ष में काम करने और अपनी सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए भारत में अपने राजदूत रहे उपाध्याय को बर्खास्त कर दिया था. हालांकि माओवादी ने उस समय 24 घंटे के भीतर ही सरकार से समर्थन वापसी के निर्णय कर कुछ दिनों के लिए ओली सरकार को बचा लिया था.

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