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असांज की हिरासत को अवैध नहीं मानते स्वीडन और ब्रिटेन, UN पैनल को लिखी चिट्ठी

चिट्ठी में आगे लिखा गया है कि यूनएन पैनल को यह अधि‍कार नहीं है कि वह स्वीडिश पब्लि‍क अथॉरिटी की ओर से चलाए जा रहे मामले में दखल दे.

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज
स्‍वपनल सोनल
  • स्टॉकहोम,
  • 05 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 10:26 PM IST

स्वीडन और ब्रिटेन ने यूएन पैनल के उस मत से असमति जताई है, जिसमें WikiLeaks के संस्थापक जूलियन असांज की हिरासत को अवैध बताया गया है. स्वीडन के विदेश मंत्रालय ने यूएन पैनल को लिखी चिट्ठी में कहा कि उनकी सरकार वर्किंग ग्रुप की मैजोरिटी द्वारा किए गए आकलन से सहमत नहीं है.

चिट्ठी में आगे लिखा गया है कि यूनएन पैनल को यह अधि‍कार नहीं है कि वह स्वीडिश पब्लि‍क अथॉरिटी की ओर से चलाए जा रहे मामले में दखल दे. गौरतलब है कि स्वीडन जूलियन असांज पर रेप का केस चला रही है, जबकि वह और उनके समर्थकों का मानना है कि यह उसे अमेरिका प्रत्यर्पित करने और सरकार के रहस्य प्रकाशित करने के लिए फंसाने की एक चाल है.

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ब्रिटेन ने जारी किया बयान
दूसरी ओर, ब्रिटेन ने भी यूएन पैनल के मत से भि‍न्नता जाहिर की है. ब्रिटिश सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'इससे कुछ नहीं बदलने वाला. हम अवैध गिरफ्तारी जैसी किसी भी बात को खारिज करते हैं. ब्रिटेन औपचारिक रूप से पहले ही यूएन को यह बता चुका है कि हम वर्किंग ग्रुप के विचार के खि‍लाफ लड़ेंगे.'

क्या कहा यूएन पैनल ने
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र पैनल ने कहा कि स्वीडन और ब्रिटेन को अवैध हिरासत के लिए असांजे को मुआवजा देना चाहिए. एक दिन पहले, स्वीडन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि आर्ब्रिटरी डिटेंशन पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यकारी समूह ने फैसला दिया है कि लंदन के इक्वाडोर दूतावास में जूलियन असांजे का फंसे रहना अवैध हिरासत की तरह है.

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पैनल की रिपोर्ट प्रकाशित होने के एक दिन पहले विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ‘हम केवल यह कह सकते हैं कि कार्यकारी पैनल स्वीडिश न्यायिक प्राधिकार से अलग फैसले पर पहुंचा है.’

तीन साल से दूतावास में है असांजे
विकीलीक्स के संस्थापक का स्वीडन में रेप के आरोप में प्रत्यर्पण वांछित है और वह जून 2012 से दूतावास में रह रहे हैं. गुरुवार को इससे पहले उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगर पैनल उनके पक्ष में फैसला देता है तो उनसे एक आजाद व्यक्ति के तौर पर सलूक किया जाएगा.

सितंबर 2014 में असांज ने स्वीडन और ब्रिटेन के खिलाफ यूएनडब्लूजीएडी में एक शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया था कि दूतावास में उनका फंसे रहना अवैध हिरासत की तरह है. असांजे के स्वीडिश वकील पेर सेमुलसन ने कहा कि उनके मुवक्किल के पक्ष में फैसले का मतलब है कि अभियोजक मरीने नाय को अदालत से कहना होगा कि उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को खत्म किया जाए. स्वीडन के अभियोजन प्राधिकार से पैनल की रिपोर्ट पर अब तक कोई बयान नहीं मिला है.

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