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जानिए, तुर्की के पुलिस अफसर ने रूस के राजदूत को क्यों मार डाला?

तुर्की में रूस के राजदूत की हत्या को तुर्की और रूस के नेताओं ने उकसाने वाली आतंकी कार्रवाई करार दिया है. अंकारा में सोमवार को आंद्रे कार्लोव को तुर्की के एक पुलिस अफसर ने सरेआम गोली मार दी जब वो एक आर्ट गैलरी में भाषण दे रहे थे. हालांकि इस घटना के बाद हमलावर को भी ढेर कर दिया गया. लेकिन एक पुलिस अफसर द्वारा किसी राजदूत की इस तरह हत्या किए जाने से दुनियाभर के लोग हैरान हैं. सबके जेहन में सवाल उठ रहा है कि आखिर राजदूत की हत्या क्यों हुई...

हत्या के बाद रूस के राजदूत आंद्रे कार्लोव हत्या के बाद रूस के राजदूत आंद्रे कार्लोव

तुर्की में रूस के राजदूत की हत्या को तुर्की और रूस के नेताओं ने उकसाने वाली आतंकी कार्रवाई करार दिया है. अंकारा में सोमवार को आंद्रे कार्लोव को तुर्की के एक पुलिस अफसर ने सरेआम गोली मार दी जब वो एक आर्ट गैलरी में भाषण दे रहे थे. हालांकि इस घटना के बाद हमलावर को भी ढेर कर दिया गया. लेकिन एक पुलिस अफसर द्वारा किसी राजदूत की इस तरह हत्या किए जाने से दुनियाभर के लोग हैरान हैं. सबके जेहन में सवाल उठ रहा है कि आखिर राजदूत की हत्या क्यों हुई...

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सबसे पहले गौर करने वाली बात है कि यह घटना ऐसे वक्त हुई है जब रूस और तुर्की के रिश्ते सुधर रहे हैं और दोनों मुल्कों के बीच सहयोग बढ़ रहा है. दोनों देशों के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि इस घटना का साया तुर्की और रूस की दोस्ती पर नहीं पड़नी चाहिए.

रूस सीरिया में चल रहे गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार का समर्थन कर रहा है. इसे लेकर तुर्की और रूस के बीच तनाव बना हुआ है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि हत्या की यह घटना उकसाने वाली कार्रवाई है. इसका मकसद रूस और तुर्की के सामान्य होते रिश्तों और सीरिया में रूस, तुर्की, ईरान और अन्य देशों की ओर से की जा रही शांति बहाली की प्रक्रिया में बाधा डालना है.

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सीरियाई सरकार का समर्थन करने के लिए रूस के खिलाफ इस्तांबुल में रूस के वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शन भी हुए हैं. लेकिन तुर्की और रूस की सरकारें अलेप्पो में युद्ध विराम पर मिलकर काम कर रही हैं.

तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने भी पुतिन के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है कि हत्याकांड का मकसद तुर्की और रूस के सामान्य होते रिश्तों में बाधा डालना है. लेकिन रूस और तुर्की की सरकारें इस उकसाने वाली कार्रवाई की साजिश को अच्छी तरह समझती हैं.

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है जिसमें रूसी राजदूत को गोली मारने के बाद हमलावर को 'अल्लाहू अकबर', 'सीरिया को मत भूलो', 'अलेप्पो को मत भूलो' के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है.

गौर करने वाली बात है कि रूस अलेप्पो के पूर्वी हिस्से पर असद सरकार को फिर से कब्जा दिलाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है. यहां विद्रोहियों ने करीब चार वर्षों से कब्जा कर रखा है. इसके अलावा रूस असद सरकार का सबसे शक्तिशाली सहयोगी है और सितंबर 2015 से सीरिया में तमाम इलाकों में हवाई हमले कर रहा है जिससे असद सरकार को मजबूत किया जा सके. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के नाते सीरिया में जारी जंग का राजनीतिक तरीके से समाधान निकालने की कोशिशों पर अपने वीटो पावर का इस्तेमाल भी कर चुका है.

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रूसी राजदूत की हत्या ऐसे समय हुई है जब मंगलवार को मॉस्को में तुर्की, ईरान और रूस के डिप्लोमैट्स एक मीटिंग करने वाले हैं. इस मीटिंग में अलेप्पो शहर के मौजूदा हालात पर चर्चा होनी है. मारे गए राजदूत आंद्रे कार्लोव पुतिन के पसंदीदा रहे हैं. वो रूसी राष्ट्रपति के मध्य-पूर्व दौरे के समय पुतिन के साथ रहते थे. बीते कुछ वर्षों से रूस मध्य-पूर्व में एक बार भी प्रभावी होने की कोशिश में लगा हुआ है. इन कोशिशों में कार्लोव में अहम भूमिका रही थी.

सीरिया को समर्थन देने के बाद से रूस और तुर्की के रिश्तों में तल्खी आनी शुरू हो गई थी. तुर्की सीरिया में असद के खिलाफ लड़ रहे विद्रोहियों का साथ दे रहा है. ऐसे में लगता है कि हमलावर उस समाज का हिस्सा हो सकता है जो सीरिया में रूस की कार्रवाई से नाराज है. इससे पहले पिछले साल तुर्की ने अपने हवाई क्षेत्र में रूस के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया था.

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