आजकल लोगों के खान-पान में काफी बदलाव देखा जा रहा है. अब लोग अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ताजे और केमिकल फ्री फल-सब्जियों को खाना पसंद करते हैं. बाजार में मिलने वाले ज्यादातर फल और सब्जियां केमिकल और खाद के इस्तेमाल से उगाई जाती हैं, जिसमें हेल्थ से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं.
ऐसे में लोग अब किचन गार्डनिंग कर ऑर्गेनिक तरीके से फल-सब्जी उगा रहे हैं. इससे लोगों को घर पर ही ताजे फल-सब्जियां और मसाले मिल रहे हैं. लेकिन घर पर गार्डनिंग करने वाले ज्यादातर लोग अच्छे उत्पादन और पौधे की ग्रोथ को लेकर परेशान रहते हैं. ऐसे में आज हम किचन गार्डन से अच्छी पैदावार पाने के टिप्स बताएंगे.
किचन गार्डनिंग करते हुए पौधों की अच्छी पैदावार के लिए गमले में भरी जाने वाली मिट्टी में कई चीजों की कमी से पौधे में सही से फल नहीं आते. ऐसे में गमले में भरी जाने वाली मिट्टी के साथ वर्मी कंपोस्ट और रेत भरना जरूरी है. इन सभी चीजों को गमले में डालने से पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है और पैदावार भी बढ़ती है.
कई बार पौधों में समय से खाद-पानी ना देने से भी पैदावार पर असर पड़ता है. किचन गार्डन में उगाए जाने वाले ज्यादातर पौधे 3-4 महीने में फल देने लगते हैं. इसलिए तीन से चार महीने तक खास देखभाल की जरूरत होती है. कोई भी पौधा गमले में लगाने के तुरंत बाद हल्की सिंचाई कर मिट्टी को गीली करें.
अब अगली सिंचाई तभी करें जब मिट्टी की नमी सूख जाए. कभी भी पौधों में अधिक जलभराव ना करें. इससे पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं. खाद की बात करें तो पौधों में 30-45 दिन के अंतराल में 1-2 चम्मच ऑर्गेनिक खाद भी पर्याप्त है. ये खाद और पानी देने का सही तरीका है.
इस तरीके से खाद-पानी डालने से पौधों और उनमें लगने वाले फलों की अच्छी ग्रोथ होती है. खाद पानी के अलावा पौधों को कीटों से बचाना भी जरूरी है. कीटों से बचाव के लिए पौधों में किसी तरह के केमिकल कीटनाशक का इस्तेमाल ना करें. पौधों में कीटनाशक के लिए नीम की पत्तियों को उबालकर कीटनाशक बनाएं या फिर छाछ का इस्तेमाल कर सकते हैं.
इन सब के अलावा गार्डनिंग के लिए ऐसी जगह का चयन करें, जहां सूर्य की धूप सही तरीके से पहुंचे. छांव वाली जगह पर कीट और मिट्टी में फंगस का खतरा रहता है. इन सभी चीजों को करने से आपका पौधा तेजी से ग्रो करेगा साथ ही फल और सब्जियों से भर जाएगा.