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जानें जलगांव के केलों में क्या खास, बीते साल 600 करोड़ रुपये का दुबई में निर्यात

aajtak.in
  • जलगांव,
  • 19 जून 2021,
  • अपडेटेड 10:09 AM IST
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महाराष्ट्र के जलगांव जिले में पैदा होने वाला केला इन दिनों दुबई में धूम मचा रहा है. वहां के लोगों को यह केला इतना पसंद आया है कि पिछले एक साल में ही 600 करोड़ रुपये के केले का दुबई निर्यात हो चुका है. जलगांव जिले के छोटे से गांव तांदलवाडी के केले की मिठास दुबई कैसे पहुंची और इसे कैसे तैयार किया जाता है, यहां जानिए.

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जलगांव जिले के तांदलवाडी गांव से 20 मेट्रिक टन केले का कंटेनर दुबई भेजा गया है. इसे देखते हुए जलगांव में केला उगाई करने वाले किसानों का हौसला थोड़ा बढ़ा है. अब वे इंटरनेशनल मार्केट की ओर अपने पैर जमाने की कोशिशों में लगे हैं. (फोटो क्रेडिट - मनीष जोग)

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तांदलवाडी छोटा सा गांव है, यहां ज्यादतर किसान केले की खेती करते नजर आते हैं. यहां हर साल किसान 350 कंटेनर मतलब 7 हजार मैट्रिक टन अच्छी क्वॉलिटी का केला तैयार करते हैं. कुछ केला देश की अलग-अलग मार्केट में जाता है, तो कुछ विदेश भेजा जाता है. इस माध्यम से केला उत्पादनकर्ता को अच्छा मुनाफा भी होता है. (फोटो क्रेडिट - मनीष जोग)

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इस गांव के किसान प्रशांत चौधरी ने पहली बार 'GI टैग' नामांकन केले की फसल को बाहर भेजा था. GI टैग नामांकान के अंदर केले का निर्यात होने की वजह से किसान काफी खुश हैं. (फोटो क्रेडिट - मनीष जोग)

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महाराष्ट्र का ‘जलगांव केला’ अन्य केलों की तुलना में अधिक फाइबर और मिनरल युक्त होता है. इसी खासियत के चलते इसे 2016 में GI टैग दिया गया.  ये जीआई टैग जलगांव के निसर्गराज कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ रजिस्टर्ड है. जीआई टैग से आशय Geographical Indication से है. ये टैग क्षेत्र के विशेष के उत्पादों को दिया जाता है जो उसकी विशेष भौगोलिक पहचान सुनिश्चित करते हैं. (फोटो क्रेडिट - मनीष जोग)

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भारत दुनिया के प्रमुख केला उत्पादक देशों में से एक है. ये दुनिया का 25% केला उगाता है. आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्य देश के कुल केला उत्पादन का लगभग 70% उत्पादन करते हैं.

(फोटो क्रेडिट - मनीष जोग)

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