आगामी 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होने वाला है. इस बजट में सरकारी की ओर से मौजूदा तीन टैक्स स्लैब की जगह चार टैक्स स्लैब प्रस्तावित करने की संभावना है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि इस बदलाव का मिडिल क्लास को फायदा मिलेगा या नुकसान. आइए समझते हैं..
इसी तरह 10 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये के बीच आय वालों के लिए 20 फीसदी और 20 लाख से 2 करोड़ रुपये की आय वालों के लिए 30 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव लाया जा सकता है. वहीं जो लोग साल में दो करोड़ रुपये से अधिक आय वाले हैं उनके लिए 35 फीसदी टैक्स दर तय की जा सकती है.
वहीं 1 फरवरी 2019 को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश करते
हुए तब के वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 5 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर
रीबेट यानी छूट दी थी. इस छूट का लाभ तभी पाया जा सकता है जब आप रिर्टन
भरें.
अगर 5 लाख सालाना कमाई है और आप रिटर्न नहीं भरते हैं तो आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है. आयकर छूट का फायदा उठाने के लिए आपको अपनी सालाना आय घोषित करनी होगी. 5 लाख तक की आय पर छूट रिबेट को तौर पर मिलेगी. यहां बता दें कि वर्तमान में स्टैंडर्ड डिडक्शन के अलावा सेक्शन 80C के तहत कुल 2 लाख रुपये की छूट मिलती है.
जबकि उन टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी जो वर्तमान में 5 लाख से 10 लाख तक की सालाना इनकम पर 20 फीसदी के हिसाब से टैक्स दे रहे हैं. दरअसल, प्रस्ताव मंजूरी के बाद टैक्सपेयर्स 10 फीसदी के स्लैब में आ जाएंगे. जाहिर सी बात है कि ऐसे लोगों को 5-10 लाख तक की सालाना कमाई पर 10 फीसदी टैक्स की राहत मिलेगी.
इसी तरह वर्तमान में 10 लाख और उससे अधिक की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान है लेकिन प्रस्ताव में 10-20 लाख रुपये के बीच आय वालों के लिए 20 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव लाया जा सकता है. कहने का मतलब ये है कि 20 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को स्लैब में 10 फीसदी की राहत मिलेगी.