साल 2017 से पहले रेल बजट को आम बजट से अलग पेश किया जाता था. लेकिन अब आम बजट के साथ ही रेल बजट पेश किया जाता है. इस बार रेल यात्रियों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खासी उम्मीदें हैं. खुद वित्त मंत्री ने कहा है कि इस बार का बजट पिछले 100 साल की तुलना में अलग होगा. (Photo: File)
दरअसल, कोरोना संकट की वजह से रेलवे की भी रफ्तार थम गई थी. इस बजट में रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर जोर हो सकता है. यात्री सुविधाओं पर भी सरकार का फोकस हो सकता है. यात्री तो किराये में भी कटौती की आस लगाए बैठे हैं. वैसे कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को विस्तार देने का काम किया है. (Photo: File)
इसके अलावा बुलेट ट्रेन मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. कोरोना महामारी की वजह से इस योजना की रफ्तार धीमी पड़ गई थी. उम्मीद की जा रही है कि बजट में सरकार बुलेट ट्रेन को लेकर आगे की तस्वीर पेश कर सकती है. बुलेट ट्रेन नेटवर्क को लेकर सरकार अपनी योजना बता सकती है. (Photo: File)
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020-21 को पेश करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर तेजी से काम कर रही है. पिछले साल ही दिसंबर में रेल मंत्रालय ने लंबी अवधि में अपनी रणनीति के लिए 'नेशनल रेल प्लान 2024' जारी किया था. (Photo: File)
इसमें रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षमता और मॉडल शेयर को बढ़ाने के बारे में जानकारी थी. इसमें हाई-स्पीड रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने का भी जिक्र था. मंत्रालय ने यह भी कहा था कि जनवरी 2021 तक इस प्लान को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. (Photo: File)
प्रस्तावित ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक साल 2051 तक देशभर में 8,000 किलोमीटर के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क तैयार किए जाएंगे. इसमें नए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर्स भी शामिल हैं. वाराणसी-पटना, अमृतसर-जम्मू और पटना-गुवाहाटी रूट के लिए भी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर प्रस्तावित है. (Photo: File)
फिलहाल भारत में केवल एक ही बुलेट ट्रेन कॉरिडोर है. यह मुंबई और अहमदाबाद के बीच में है और इसपर अभी काम चल रहा है. बुलेट ट्रेन के अन्य कॉरिडोर में आयोध्या के जरिए दिल्ली-वाराणसी, हैदराबाद-बेंगलुरु और मुंबई-नागपुर के बीच भी प्रस्तावित है. (Photo: File)
नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (PIP) प्लान के तहत रेलवे सेक्टर में 2024-25 तक 11.43 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान है. इस रोडमैप के आधार पर वित्त वर्ष 2022 में ही 3.08 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की उम्मीद है. 2014 से 2020 के बीच रेलवे का कुल पूंजीगत व्यय 6 लाख करोड़ रुपये रहा है. 2019 से 2014 के बीच के लिए पूंजीगत व्यय इसके करीब 50 फीसदी ही था. (Photo: File)
जहां तक रेलवे स्टेशनों को संवारने का सवाल है तो केवल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 6,500 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. इसके अलावा सूरत, चंडीगढ़, आनंद विहार, अमृतसर, ग्वालियर, कानपुर, साबरमती स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाना है. (Photo: File)