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बजट

‘Bad Bank' बैकिंग सेक्टर से खत्म करेगा 'Bad Loan' इफेक्ट? जानें यहां

शरद अग्रवाल
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST
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आम बजट 2021-22 में सरकार ने एसेट रिकन्स्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड बनाने की घोषणा की है. इसे आम भाषा ‘Bad Bank' कहा जा रहा है. यह कंपनी बैंकों की दबाव वाली परिसंपत्तियों या फंसे हुए कर्ज को अपने हाथों में लेगी. इससे बैंकों को अपने बही खाते सही करने और फंसे कर्ज के लिए अलग से प्रावधान करने से राहत मिलेगी. 

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Bad Bank की मांग लंबे समय से बैंकिंग सेक्टर करता रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन कई मौकों पर इसकी वकालत कर चुके हैं. Bad Bank बैंकिंग सेक्टर के फंसे कर्ज (Bad Loan) यानी NPA को अपने हाथ में लेकर पुनगर्ठित करेगा. इससे बैंकों के ऊपर से NPA के प्रबंधन का दबाव हट जाएगा और वह ज्यादा बाजार उन्मुखी तरीके से अपने ऋण कारोबार को आगे बढ़ा सकेंगे. इससे बैंकिंग सेक्टर की सेहत में सुधार होगा.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि ‘Bad Bank' से बैंकों के फंसे कर्ज को कंसोलिडेट करने में मदद मिलेगी और इसे अपने हाथ में लिया जा सकेगा. एसेट रिकन्स्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी बाद में अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड या संभावित निवेशक को बेचकर निपटान कर सकेगी, ताकि उस फंसे कर्ज की अंतिम वैल्यू हासिल की जा सके.

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फंसे कर्ज या 'Bad Loan' को आसान भाषा में समझा जाए तो बैंक का दिया ऐसा कर्ज जिससे उसे ब्याज की कमाई बंद हो गई है, जिसकी किस्तें समय से उसे नहीं मिल रही हैं. मौजूदा समय में किसी लोन की किस्त अगर लगातार छह महीने यानी दो तिमाहियों तक नहीं अदा की जाती है तो उसे बैंक के फंसे कर्ज खातों में डाल दिया जाता है. कोरोना काल में सरकारी बैंकों के फंसे कर्ज में इजाफा हुआ है. ऐसे में 'Bad Bank' के बनने से उन्हें इससे छुटकारा पाने में मदद मिलेगी.

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Bad Bank को लाने की एक बड़ी वजह बैंकिेग क्षेत्र में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से सरकारी बैंकों का दबदबा होना भी है. फंसे कर्ज के चलते सरकारी बैंकों की ऋण देने की ताकत कमजोर होती है. इसका असर पूरे बैंकिंग सेक्टर और बाजार में कर्ज वितरण पर पड़ता है. अब इस नई व्यवस्था से सरकारी बैंकों को NPA के दबाव से छुटकारा मिल सकेगा और वह ऋण वितरण बाजार पर ध्यान दे पाएंगे.
एक अनुमान के मुताबिक नए बनने वाले Bad Bank को लगभग नौ लाख करोड़ रुपये का फंसा कर्ज ट्रान्सफर किया जा सकता है.

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