सरकार देश में कोयले आधारित बिजली जैसे परंपरागत एनर्जी की जगह सोलर, विंड पावर जैसे फ्यूचर के एनर्जी पर जोर दे रही है. भारत सरकार ने साल 2030 तक देश में सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाकर 450 गीगावॉट तक करने का लक्ष्य रखा है. निजी क्षेत्र इसमें संभावनाओं को देख काफी सक्रिय है. अडानी समूह, रिलायंस और टाटा समूह की कंपनियां सरकार के इस लक्ष्य को हासिल करने में मददगार होती दिख रही हैं. ये कंपनियां भारी कारोबारी संभावनाओं को देखते हुए ही अपने लेवल पर ही इस कारोबार को काफी फैला रही हैं. (फाइल फाेटो: Adani Group)
खासकर रिलायंस और अडानी, दो समूह कारोबार के आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं, इसलिए यह तय है कि अगले एक दशक में दो बड़े कॉरपोरेट घरानों के बीच दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी. जानकारों का मानना है कि कॉरपोरट के बीच इस कड़े मुकाबले से खासकर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कीमतें काफी नीचे आएंगी. (फाइल फाेटो)
अंबानी और अडानी दोनों इसके पहले परंपरागत ईंधन वाले सेक्टर में जमे रहे हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स की मालिक कंपनी है. तो अडानी ग्रुप देश का निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा थर्मल पावर उत्पादक रहा है. जून 2021 में मुकेश अंबानी ने ऐलान किया कि वह अगले एक दशक में 100 गीगावॉट क्षमता का सोलर उत्पादन करने का प्लान कर रहे हैं. इसी तरह अडानी ग्रुप ने ऐलान किया कि वह अगले एक दशक में हर साल 5 मेगावॉट की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता जोड़ेगा. (फाइल फाेटो)
रिलायंस ने रविवार 10 अक्टूबर को दो बड़ी डील का ऐलान किया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मालिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने चाइना नेशनल ब्लूस्टार ग्रुप (China International Bluestar Group) के आरईसी सोलर होल्डिंग्स एएस यानी आरईसी ग्रुप (REC Group) का अधिग्रहण करने की घोषणा की. रिलायंस ने इसकी 100 फीसदी हिस्सेदारी लेने का ऐलान किया है. यह सौदा करीब 5792.64 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज मूल्य पर तय हुआ है. (फाइल फाेटो)
इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (Reliance New Energy Solar Limited) ने स्टर्लिंग ऐंड विल्सन सोलर लिमिटेड (SWSL) में 40 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदेगी. स्टर्लिंग ऐंड विल्सन सोलर लिमिटेड कंपनी शापूरजी पालोनजी ग्रुप और खुर्शीद दारूवाला परिवार का संयुक्त उपक्रम है. रिलायंस ने इसकी 40 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की डील 3630 करोड़ रुपये में करने का ऐलान किया. (फाइल फाेटो)
पिछले महीने गौतम अडानी के अडानी ग्रुप ने भी रीन्यूएबल एनर्जी में अगले 10 साल में करीब 1.47 लाख करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है. अडानी ग्रुप ने ऐलान किया था कि साल 2030 तक अडानी भारत की ऐसी पहली कंपनी होगी जिसके सभी डेटा सेंटर रीन्यूएबल एनर्जी से चलेंगे. (फाइल फाेटो)
अडानी की लिस्टेड कंपनी अडानी ग्रीन का मार्केट कैप करीब 1.84 लाख करोड़ रुपये है. अडानी ग्रीन के पास फिलहाल करीब 15.4GW की रीन्यूएबल एनर्जी उत्पादन क्षमता है. हाल में कंपनी ने अपने रीन्यूएबल प्रोजेक्ट्स के लिए 75 करोड़ डॉलर की इक्विटी फंडिंग जुटाई. (फाइल फाेटो)
जून महीने में रिलायंस के एजीएम में मुकेश अंबानी ने यह ऐलान किया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले तीन साल में रीन्यूएबल एनर्जी में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. रिलायंस जामनगर में 5,000 एकड़ जमीन पर धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स का विकास कर रही है. यहां कई गीगा फैक्टरियां होंगी, जहां न्यू एनर्जी से जुड़े महत्वपूर्ण कम्पोनेंट जैसे फोटोवोल्टेइक मॉड्यूल या सोलर पैनल की मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी. (फाइल फोटो)
ग्रीन एनर्जी के फील्ड में एक और कंपनी टाटा पावर भी काफी सक्रिय दिख रही है. अभी टाटा पावर की कुल उत्पादन क्षमता करीब 13 GW है जिसमें से रीन्यूएबल एनर्जी का हिस्सा करीब एक-तिहाई है. कंपनी साल 2030 तक इस हिस्से को बढ़ाकर 80 फीसदी तक करना चाहती है. (फाइल फोटो)
टाटा पावर के पास करीब 1,705 मेगावॉट की सोलर पावर उत्पादन क्षमता है. कंपनी अपने बेंगलुरु स्थिति मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार कर रही है, जिसके बाद इसकी कुल सोलर क्षमता करीब 3,023 मेगावॉट की हो जाएगी. (फाइल फोटो: शैलेश रावल)