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पेट्रोल-डीजल के दाम चरम पर, प्राइवेट कंपनियों के हाथों में जाएगा देश का स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम भंडार?

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 23 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST
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देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने कोहराम मचाया हुआ है. इस वजह से महंगाई ने भी अलग रफ्तार पकड़ी हुई है. इस बीच सरकार ने देश के स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) के एक हिस्से को री-एक्सपोर्ट करने के लिए एक बड़ा फैसला किया है.
(Photos : Getty)

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रॉयटर्स की खबर के मुताबिक केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इसी महीने देश के मौजूदा SPR की आधी क्षमता का उपयोग प्राइवेट कंपनियों को करने की अनुमति दे दी है. कंपनियों को SPR की आधी लिमिट लीज पर दी जाएगी.

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भारत अभी अपनी जरूरत का 80% कच्चा तेल आयात करता है. वह दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक और उपभोक्ता है. ऐसे में सरकार ने दक्षिण भारत में तीन जगह पर SPR बनाए हैं जिनमें 50 लाख टन तक कच्चा तेल स्टोर किया जा सकता है.

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सरकार ने SPR इसलिए बनाया है ताकि मुश्किल वक्त में देश में कच्चे तेल की आपूर्ति में दिक्कत ना हो. अभी सरकार की योजना ओडिशा के चंडीखोल और कर्नाटक के पादूर में भी SPR बनाने की है. इससे देश को उसकी जरूरत का 12 दिन का कच्चा तेल उपलब्ध होगा.

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खबर के मुताबिक ये प्राइवेट कंपनियां SPR की आधी लिमिट को लीज पर लेंगी और इस में रखे कच्चे तेल को फिर से निर्यात कर देंगी, अगर भारतीय तेल कंपनियां उस तेल को लेने से मना कर देती हैं. SPR लीज पर लेने वाली कंपनियां 15 लाख टन कच्चे तेल का ही फिर से एक्स्पोब्र कर सकेंगी.

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रॉयटर्स ने गुरुवार को दो सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर दी कि सरकार देश में नए SPR खड़े करना चाहती है. उसकी मंशा इसमें निजी भागीदारी को बढ़ाने की है. (File Photo)

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इसी महीने हुई कैबिनेट की बैठक में दो नए SPR बनाने के लिए सरकार ने 80 अरब रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की है. ये इन दोनों SPR की अनुमानित लागत का करीब 60% है.

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देश में SPR बनाने की जिम्मेदारी इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) के पास है. कंपनी को 10 लाख टन तक कच्चा तेल घरेलू कंपनियों को बेचने की अनुमति है.

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सरकार कहना है कि SPR को लीज पर देने का फैसला देश को जापान और कोरिया जैसे देशों के समकक्ष ले आएगा जहां जहां प्राइवेट कंपनियां कच्चे तेल को री-एक्सपोर्ट करती हैं.

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देश में मंगतुरू में बने SPR की आधी लिमिट सरकार पहले ही लीज पर दे चुकी है. ये लीज अबूधाबी नेशनल ऑयल कंपनी के पास है. कंपनी इस 15 लाख टन के तेल भंडार से 7.5 लाख टन तक कच्चे तेल का पुन: निर्यात कर सकती है. हालांकि कंपनी को भारतीय रिफाइनरीज को ये कच्चा तेल बेचने में दिक्कत आई थी.

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