न सिर पर पक्की छत, न तमाम सुविधाएं, फिर भी मन में कर गुजरने का जज्बा हो तो गुदड़ी के लाल भी कमाल कर जाते हैं. ऐसे ही हैं दसवीं की परीक्षा में बिहार बोर्ड के सेकेंड टॉपर दुर्गेश कुमार. किसान के बेटे दुर्गेश कुमार ने इस परीक्षा में दुर्गेश कुमार ने 480 अंक हासिल किए हैं. आइए जानते हैं इस टॉपर के जज्बे की कहानी और आगे क्या हैं इसके सपने.
फोटो: अपने परिवार के साथ दुर्गेश कुमार
Image: ANI
दुर्गेश कुमार के पिता एक किसान हैं. वो एसके हाईस्कूल जितवारपुर स्कूल में दसवीं में पढ़ाई कर रहे थे. बचपन से ही पढ़ने लिखने में विलक्षण दुर्गेश का सपना देश का टॉप इंजीनियर बनना है जिसके लिए वो आईआईटी में दाखिला लेना चाहते हैं.
फोटो: अपने परिवार के साथ दुर्गेश कुमार
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दुर्गेश कुमार ने अपनी सफलता के पीछे अपने माता पिता और टीचर्स के योगदान को खास वजह बताया. उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि माता पिता और गुरुओं की वजह से मैं ये स्थान पा सका.
यहां देखें दुर्गेश ने क्या कहा-
दुर्गेश कुमार अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं. उनके पिता जयकिशोर सिंह किसान हैंं. खेतीबाड़ी से ही वो अपने परिवार और पढ़ाई का खर्च देखते हैं. उन्होंने दुर्गेश को पढ़ाई के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया. अब दुर्गेश भी आईआईटी में दाखिला लेकर एक कुशल इंजीनियर बन देश की सेवा करना चाहते हैं.
(प्रतीकात्मक फोटो)
बता दें कि कल यानी 26 मई को बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट जारी किया गया. इस परीक्षा में 481 अंक यानी 96 फीसदी मार्क्स के साथ हिमांशु राज ने टॉप किया है. हिमांशु राज भी एक फल विक्रेता के बेटे हैं.
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वहीं इस परीक्षा में तीसरे स्थान पर भोजपुर के शुभम कुमार, औरंगाबाद के
राजवीर और अरवल की जूली कुमारी ने कब्जा जमाया है. बता दें कि बिहार बोर्ड
की परीक्षा में सेकेंड टॉपर दुर्गेश कुमार उजियारपुर थाना क्षेत्र के
मालती के समीप स्थित बिदुलिया गांव के निवासी हैं.
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बिहार बोर्ड के रिजल्ट की बात करें तो इस साल कुल 80.59% विद्यार्थी पास हुए हैं. इनमें से 4,03,392 विद्यार्थी फर्स्ट डिवीजन 524217 सेकेंड डिवीजन और 2,75,402 थर्ड डिवीजन से पास हुए हैं. सबसे ज्यादा संख्या सेकेंड डिवीजन के छात्रों की है.
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