प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) के गठन का ऐलान कर दिया. इसी के साथ ट्रस्ट को पहला चंदा भारत सरकार की ओर से 1 रुपया नकद मिला है. वहीं राम मंदिर ट्रस्ट के गठन होने के बाद कामेश्वर चौपाल का नाम चर्चा में है. आइए जानते हैं वह कौन हैं.
कामेश्वर चौपाल वह शख्स हैं जिन्होंने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के लिए नींव की पहली 'राम शिला' (ईंट) रखी थी. उस समय में वह विश्व हिंदू परिषद (VHP) के स्वयंसेवक थे. बता दें, वह वर्तमान में बीजेपी के दलित नेता हैं. वह बिहार के सुपौल के रहने वाले हैं.
1989 में जब राम मंदिर के लिए पहली 'राम शिला' (ईंट) रखी जानी थी उस समय कामेश्वर चौपाल को ही चुना गया था. क्योंकि वह राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे थे.
अब वह राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी भी बन गए हैं, आपको बता दें, गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी दी कि 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे, जिसमें से एक ट्रस्टी दलित समाज से रहेगा. इस बीच बुधवार को ही यूपी की योगी सरकार ने अयोध्या में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन के आवंटन पर मुहर लगा दी है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्वीट कर जानकारी दी थी कि "श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की पहली शिला दलित समाज के श्री कामेश्वर चौपाल जी ने रखी थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कामेश्वर चौपाल ने कहा- "समाज के सभी वर्गों से मेरी अपील है कि वे सभी आगे आएं और मंदिर निर्माण में अपना सहयोग दें. भविष्य में बनने वाला ये मंदिर शानदार होगा. यह मंदिर देश की भावना को भी व्यक्त करेगा जो सामाजिक सद्भाव और सभी के कल्याण के लिए है."
उन्होंने कहा "अगर महात्मा गांधी जीवित होते, तो वह राम राज के बारे में वही भावनाएं व्यक्त करते जो मैंने की हैं. अब आने वाले समय में राम मंदिर ही 'राम राज' की भावनाएं व्यक्त करेगा.
कामेश्वर चौपाल बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली में हैं. उन्होंने कहा- "ट्रस्टी के पैनल में मेरा नाम शामिल किए जाने पर बहुत खुश हूं, इस मौके पर मेरी दो बेटियों और एक बेटे ने मुझे अपने फोन पर कॉल किया. अब मैं मंदिर और 'प्रभु राम' के लिए आगे काम करने के लिए स्वतंत्र हूं. मेरे बच्चे सभी शादीशुदा हैं और अच्छी तरह से सेटल हैं. ऐसे में मुझे अब किसी भी प्रकार की टेंशन नहीं है."
जब बने बीजेपी के सदस्य
साल 1991 में बीजेपी का सदस्य बनने के लिए उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (VHP) को छोड़ दिया था. क्योंकि पार्टी ने उस साल संसदीय चुनाव लड़ने का मन बनाया था. जिसमें वह हार गए थे. साल 2014 में दूसरी बार चुनाव हार गए. हालांकि, वह दो बार 2002 से 2014 तक राज्यसभा सदस्य रहे हैं.
कामेश्वर चौपाल (VHP) 1982 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्य बने थे. उन्हें 1989 में गया में मुख्यालय के साथ अपना राज्य प्रभारी बनाया गया था. वहीं से वह राम मंदिर के लिए 'राम शिला' (ईंट) अयोध्या तक लेकर गए थे. हर गांव ने राम मंदिर के निर्माण के लिए ईंट और 1 रुपये 25 पैसे दक्षिणा के रूप में दिए थे.