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ये हैं वो मिलेनियर, जो पढ़ाई छोड़ने पर लोगों से सुनते थे ताने

aajtak.in
  • 05 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:20 AM IST
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CBSE से लेकर ज्यादातर स्टेट बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैं, ऐसे में बच्चों पर ज्यादा नंबर लाने का प्रेशर है. पेरेंट्स, स्कूल और सोसायटी का दबाव इतना है कि बच्चों को पूरे-पूरे दिन किताबों से जूझना पड़ रहा है. लेकिन हकीकत ये है कि दुनिया के ज्यादातर कामयाब लोग नंबर रेस से बहुत दूर रहे. हमें इनकी कहानी जरूर जाननी चाहिए.

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आज जिस कंप्‍यूटर के बिना हम जिंदगी को कठिन मानते हें, उसे बनाने वाले बिल गेट्स भी होनहार स्टूडेंट की लिस्ट में शामिल नहीं थे. स्कूल शिक्षा के बाद उन्होंने कॉलेज का मुंह तक नहीं देखा. आज वो दुनिया के चुनिंदा रईसों में एक हैं.

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आज हर कोई अपने हाथ में आईफोन चाहता है. एप्पल कंपनी का ये उत्पाद महंगा होकर भी लोगों की पहली चाहत है. क्या आपको पता है कि इसे बनाने वाले स्टीव जॉब्स भी कॉलेज ड्रॉप आउट हैं.

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आज सारी दुनिया पर फेसबुक का क्रेज है. उसके मालिक मार्क जकरबर्ग को भी कॉलेज छोड़ना पड़ा था. एक लड़की को खोजने के लिए उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट बनाई. जिसे दुनिया फेसबुक के नाम से जानती है.

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देश को क्रिकेट का पहला वर्ल्ड कप दिलाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. पढ़ाई में अच्छे ना होने की वजह से उन्हें खूब ताने मिलते थे. लेकिन क्र‍िकेट के लिए उन्होंने स्कूली पढ़ाई को बीच में छोड़ दिया था.

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रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी जो देश के नंबर वन रईस हैं. मुकेश अंबानी ने Stanford University में MBA में एडमिशन लिया था, लेकिन एक साल के बाद पढ़ाई छोड़ दी. वो अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाये थे.

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क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर का भी पढ़ने लिखने में बिल्कुल मन नहीं लगता था. देश को जीत के इतने ताज दिलाने वाले सचिन सिर्फ 10वीं तक पढ़े हैं.

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दुनिया को Theory of Relativity दे गए मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को बचपन में मंद बुद्धि का बालक समझा जाता था. महज 15 साल की उम्र में ही उन्होंने स्‍कूल जाना छोड़ दिया था. स्कूल में हमेशा कम अंक प्राप्त करने वाला यह बच्चा सात साल की उम्र तक पढ़ भी नहीं पाता था. लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह आगे चलकर फिजिक्स में नोबेल प्राइस जीतेगा.

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अपने ह्यूमर और अदाकारी से पूरी दुनिया को हंसाने वाले चार्ली चैपलिन ने महज 13 साल की उम्र में स्कूल को गुडबाय बोल दिया था. उनके पारि‍वारिक हालात इतने अच्छे नहीं थे कि वो पढ़ाई आगे जारी रख पाते. लेकिन उन्होंने अनुभवों से सीखकर सफलता पाई.

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