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एजुकेशन

कोई चायवाला है तो कोई डॉक्टर, फ्री में ये देते हैं JEE-NEET की कोचिंग

aajtak.in/प्रियंका शर्मा
  • 15 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 8:05 AM IST
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आपको हम ऐसे शिक्षकों के बारे में बताने जा रहे हैं जो  इंजीनियरिंग और मेडिकल में करियर बनाने वाले छात्रों को मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं. वह ऐसे छात्रों को मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में...

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अजय बहादुर सिंह

ओडिशा के अजय बहादुर सिंह आर्थिक रूप से कमजोर 14 छात्रों ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा के लिए कोचिंग देते हैं. द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार वह  कभी वह डॉक्टर बनने चाहते थे, जिसका उन्होंने सपना देखा था, लेकिन पिता की मृत्यु ने उनके मेडिकल सपने पर विराम लगा दिया.

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घर का खर्चा चलाने के लिए उन्होंने एक स्टाल लगाया जहां उन्होंने चाय और शर्बत बेचना शुरू किया. कुछ समय बाद उन्होंने प्रवेश परीक्षा कोचिंग संस्थान शुरू करने का फैसला किया. जहां उन्होंने ऐसे छात्रों को के लिए कोचिंग सेंटर खोला जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और मेडिकल की कोचिंग लेना चाहते हैं.

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2017 में, उन्होंने जिन्दगी फाउंडेशन की स्थापना की, जहां छात्रों को मुफ्त कोचिंग, भोजन और आवास की सुविधाएं दी जा रही है.

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डॉक्टर भारत सरन

आनंद कुमार के सुपर 30 से प्रेरित होकर डॉ भारत सरन ने बाड़मेर, राजस्थान में 2012 में '50 ग्रामीणों सेवा संस्थान' की स्थापना की.  जहां मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को तैयारी मुफ्त में  करवाई जाती है. उन्होंने बताया  हर साल 1 बच्चे का खर्चा 25000 रुपये आता है.

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'रहमानी 30'


वरिष्ठ मौलवी मौलाना वली रहमानी द्वारा संचालित रहमानी 30, जेईई (मेन), जेईई (एडवांस्ड), एनईईटी, चार्टर्ड अकाउंटेंसी और कानून की प्रवेश परीक्षाओं के लिए आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यक छात्रों को मुफ्त में कोचिंग प्रदान करता है. बता दें, साल  2018 में, 'रहमानी 30' से 137 से अधिक छात्रों ने जेईई एडवांस परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया था.


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