जितनी मुश्किल यूपीएससी की परीक्षा होती है
उससे कई ज्यादा मुश्किल इसका इंटरव्यू सेशन
होता है. वहीं जो उम्मीदवार यूपीएससी की परीक्षा
दे चुके और इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं उनकी
मदद के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन
(यूपीएससी) के पूर्व चेयमैन और IAS अफसर (1974 बैच)
रह चुके दीपक गुप्ता ने "The
Steel Frame A History of
the IAS" किताब लिखी है. इस किताब में
आईएस से संबंधित कई बातों के बारे में बताया गया है, साथ बताया
गया है कि कैसे एक उम्मीदवार को इंटरव्यू देना
चाहिए.
दीपक गुप्ता ने बताया कि जो भी उम्मीदवार
इंटरव्यू देने जाते हैं उनका प्रेजेंस ऑफ माइंड
कमाल का होना चाहिए. क्योंकि आप नहीं जानते है
कि किस स्थिति में आपसे कौन सा सवाल पूछा
जा सकता है.
हिंदी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार दीपक
गुप्ता ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक
बार यूपीएससी के इंटरव्यू में एक उम्मीदवार
गया. वह इंटरव्यू को लेकर थोड़ा नर्वस था. ऐसे
में उसने अपना पसीना पोछने के लिए रूमाल से
मुंह पोंछकर उसे अपनी जेब में रख लिया.
जैसे ही उसने जेब में अपना रूमाल रखा तो
उसी समय इंटरव्यू बोर्ड के चेयरमैन ने उंगली से
इशारा करते हुए कहा - What is
'That' मिस्टर.
ये सुनकर उम्मीदवार को काफी एंबेरेसमेंट
हुई. तब उसने तुरंत जवाब देते हुए कहा
'That Sir ... is a
demonstrative pronoun''
और झट से अपना रूमाल अंदर कर लिया.
उम्मीदवारों के चतुराई से दिए गए इस जवाब को सुनकर इंटरव्यू लेने वाला बोर्ड
जान गया कि उम्मीदवार का प्रेजेंस ऑफ माइंड काफी बढ़िया है. आपको बता दें, That एक
डेमोंस्ट्रेटिव प्रोनाउन (Demonstrative Pronoun) है.
दीपक गुप्ता रिटायर्ड आईएएस
हैं और यूपीएससी के चेयरमैन रह चुके हैं. उनकी
किताब द स्टील फ्रेम- हिस्ट्री ऑफ आईएएस में
आईएएस की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए
ढेर सारे गुरु मंत्र हैं.
वहीं ऐसा नहीं है कि पहली बार ही इंटरव्यू में
उम्मीदवार का प्रेजेंस ऑफ माइंड देखा जाता है.
इससे पहले भी कई इंटरव्यू में ऐसे सवाल पूछे
गए हैं जिसमें देखा जाता है कि उम्मीदवार कितनी चतुराई से उसका जवाब देते हैं. वहीं
UPSC इंटरव्यू में
ISIS-सिगरेट पर सवाल पूछे जा चुके हैं. आइए जानते हैं कुछ उदाहरण.
2017 यूपीएससी परीक्षा में दूसरी रैंक लाने
वाली अनु कुमारी से इराक में 40 भारतीयों की
मौत पर सवाल पूछा गया था. जिन्हें ISIS ने
मार दिया था. उनसे पूछा गया कि सरकार ने
इस सिचुएशन को जैसे हैंडल किया. क्या आप
सहमत हैं? इस पर अनु ने स्पष्टता से जवाब
देते हुए कहा कि 'सरकार ने काफी कोशिश की
थी सभी भारतीयों को जिंदा वापस देश में लाया
जा सके. इस सिचुएशन में गलत ये रहा कि
भारतीयों की मौत के बारे में उनके परिवार वालों
को काफी गलत तरीके से सूचित किया गया.
परिवार को संसद की कार्यवाही के दौरान उनके
परिजनों की मौत के बारे में मालूम चला. अनु ने
बताया कि किसी की मौत के बारे में सरकार का
इस तरह से सूचित करने का फैसला गलत था.
जिससे मैं सहमत नहीं हूं.
साल 2018 के टॉपर अक्षत जैन से पूछा
गया कि आप जैन कम्यूनिटी से ताल्लुक रखते हैं
और वहीं जैन कम्यूनिटी में महिलाएं काफी पढ़ी
लिखी हैं, ऐसे में क्या वजह है कि वर्क कल्चर में
महिलाएं पीछे हैं वहीं कुछ ही महिलाएं काम कर
रही है.
इस पर अक्षत ने जवाब देते हुए कहा- जैन
कम्यूनिटी में ये एक समस्या है. लेकिन हम
महिलाओं को आगे लाने के लिए उन्हें बढ़ावा
दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जैन
कम्यूनिटी में महिलाओं को उनके परिवार वाले
काफी सपोर्ट करते हैं. ताकि वह अपनी शिक्षा का
इस्तेमाल कर पाए. उन्होंने कहा- धीरे- धीरे चीजें
बदल रही है.
2017 में 432 रैंक हासिल करने वाली कृति
गोयल से पूछा गया कि पितृसत्ता के आधार
अगर ये कहा जाता है कि रात को 8 बजे घर न
जाओ क्योंकि महौल खराब है तो आप क्या ये
सही नहीं है?
इस पर कृति ने जवाब देते हुए कहा कि मेरे
पिताजी को ये कहने की जरूरत नहीं होनी
चाहिए. क्योंकि उन्होंने मुझे इतना कैपेबल बनाया
है. वहीं लड़कियों को अगर शुरू से सेल्फ डिफेंस
की ट्रेनिंग दी जाए ताकि वह अपनी रक्षा खुद कर
सके. ऐसे में उन्हें बाहर निकलने से डर नहीं
लगेगा. वहीं बाहर निकलने से लड़कों नहीं रोका
जाता तो लड़कियों को क्यों रोका जाए?
(सभी तस्वीरें प्रतीकात्मक हैं, इनका इस्तेमाल प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है)